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जयशंकर प्रसाद की कामायनी jay shankar prasad (kamayani)

  Kamayani ka saaransh कामायनी का सारांश

कामायनी महाकाव्य के महत्वपूर्ण बिदु

कामायनी महाकाव्य - लेखक-जय शंकर प्रसाद


⚛सर्ग - 15            ⚛मुख्य छंद - तोटक

⚛कामायनी पर प्रसाद को मंगलाप्रसाद पारितोषिक पुरस्कार मिला है

⚛काम गोत्र में जन्म लेने के कारण श्रद्धा को कामायनी कहा गया है।

⚛प्रसाद ने कामायनी में आदि मानव मनु की कथा के साथ साथ युगीन समस्याओं पर प्रकाश डाला है।

⚛कामायनी का अंगीरस शांत रस है।

⚛कामायनी दर्शन समरसता - आनन्दवाद है।

⚛कामायनी की कथा का आधार ऋग्वेद,छांदोग्य उपनिषद् ,शतपथ ब्राहमण तथा श्री मद्भागवत हैं।

⚛घटनाओं का चयन शतपथ ब्राह्मण से किया गया है।

⚛कामायनी की पूर्व पीठिका प्रेमपथिक है।

⚛कामायनी की श्रद्धा का पूर्व संस्करण उर्वशी है।

⚛कामायनी का हृदय लज्जा सर्ग है।

 *कामायनी के विषय में कथन:-*

डॉ.नगेन्द्र  :- कामायनी मानव चेतना का महाकाव्य है।यह आर्ष ग्रन्थ है।

नगेन्द्र :- कामायनी एक रूपक है।

नगेन्द्र :- कामायनी समग्रतः में समासोक्ति का विधान लक्षित करती है।

मुक्तिबोध ।:-    कामायनी फैंटेसी है।

इन्द्रनाथ मदान। :-   कामायनी एक असफल कृति है।-©

नन्द दुलारे वाजपेयी। :- कामायनी नये युग का प्रतिनिधि काव्य है।-

सुमित्रानन्दन पंत :- कामायनी ताजमहल के समान है-©

श्यामनारायण  :-  कामायनी विश्व साहित्य का आठवाँ महाकाव्य है।

रामधारी सिंह दिनकर। :-  कामायनी दोष रहित दोषण सहित रचना ।



नामवर सिंह  :-,. कामायनी आधुनिक सभ्यता का प्रतिनिधि महाकाव्य है।

हरदेव बाहरी। :- कामायनी आधुनिक हिन्दी साहित्य का सर्वोत्तम महाकाव्य है-

रामरतन भटनाकर :- कामायनी मधुरस से सिक्त महाकाव्य हैं

विशवंभर मानव। :- कामायनी विराट सांमजस्य की सनातन गाथा है

हजारी प्रसाद द्विवेदी :- कामायनी का कवि दूसरी श्रेणी का कवि है

हजारी प्रसाद द्विवेदी  :-. कामायनी वर्तमान हिन्दी कविता में दुर्लब कृति है

रामचन्द्र शुक्ल : कामायनी में प्रसाद ने मानवता का रागात्मक इतिहास प्रस्तुत किया है जिस प्रकार निराला ने तुलसीदास के मानस विकास का बड़ा दिव्य और विशाल रंगीन चित्र खिंचा है।

शांति प्रिय द्विवेदी। :- कामायनी छायावाद का उपनिषद है।

रामस्वरूप चतुर्वेदी :- कामायनी को कंपोजिशन की संज्ञा देने वाले।

बच्चन सिंह  :- मुक्तिबोध का कामायनी संबंधि अध्ययन फूहड़ मारक्स वाद का नमूना है।

मुक्तिबोध :- कामामायी जीबन की पूनर्रचना है ।

नगेन्द्र। :- मायनी मनोविज्ञान की ट्रीटाइज है।

रामस्वरूप चतुर्वेदी :- मायनी आधुनिक समीक्षक और रचनाकार दोनों के लिए परीक्षा स्थल है।

Kamayani jayashnkar prasad

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