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तुमसे....tumse

                    तुमसे

अब कुछ पाने की  चाहत तो नहीं है, तुमसे  ¡*¡
बस अब भी पहले के जैसे ही बेपनाह मोहब्बत है,  तुमसे  ¡*¡
अब पहले की तरह हम प्यार मांगना छोड़ दिये हैं ,  तुमसे ¡*¡
बस अब पहले की तरह इस मोहब्बत को जताना छोड़ दिये हैं ,  तुमसे ¡*¡
अब कुछ पल कुछ लम्हें साथ बिताने  की ख्वाहिश नहीं है, तुमसे ¡*¡
बस लौट आना ज़ब कभी गम की बारिशें हो तुम पर अब भी गुजारिश है, तुमसे ¡*¡
अब भी दिल में  मिलने कि चाहत छुपी  है , तुमसे ¡*¡
बस हम खुद  ही नहीं मिलते हैं ,  तुमसे ¡*¡
अब  कहीं फिर दिल ना जुड़ जाये ये ,  तुमसे ¡*¡
बस इन्हीं कारणों से ही हम मोहब्बत करके भी मोहब्बत को छुपाते हैं ,  तुमसे ¡*¡

             अभिलेख मौर्या

2 comments:

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  2. Please like and shear. 🙏❤️

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