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नववर्ष मंगलमय हो और तीन सौ पैंसठ दिन हो खुशियां हो ... Navvarsh khushiyon se bhara ho

नव वर्ष मंगलमय हो और तीन सौ पैंसठ दिन हो खुशियां के* 

Navvarsh khushiyon se bhara ho


नए वर्ष का प्रारंभ हर वर्ष होता है, इस बार भी होगा। इकत्तीस दिसंबर की अर्धरात्रि पुराने साल के बीतने और नए साल के प्रारंभ की रात लोग जाग्रत रहते हैं ताकि वे नए साल के पहले क्षण का स्वागत कर सकें और उसी क्षण से शुभकामनाएं लेने-देने का भी दौर शुरू हो जाता है। एक जनवरी की बहुत सुबह से ही लोगों के फोन खुशियां बांटने में बिजी हो जाते हैं। जहां लगाओ या देखो वहां फोन एंगेज ही मिलते हैं। 'हैप्पी न्यू ईयर' कहने की होड़-सी लग जाती हैं। शुभकामनाऐ देने की धुन में जिसे जो जहां मिल जाए ' हैप्पी न्यू ईयर ' कहना ही होता हैं। हर वर्ष ऐसा होता है, इस वर्ष भी होना है। हमनें बीते वर्ष की शुरुआत में यह दोहराया था।, अब भी दोहराएंगे। गिफ्ट, ग्रीटिंग्स व पार्टीयों का आयोजन उस समय भी हुआ था और इस वर्ष भी होना हैं। प्रश्न है कि जितनी तमन्ना 'हैप्पी न्यू ईयर' कहने की है, क्या उतनी ही हैप्पी बनने और बनाने की भी है? हमने पिछले साल अनेकानेक शुभकामनाऐ लीं। प्रश्न है कि, क्या हम पूरे वर्ष हैप्पी रहे? हमने सैकड़ों शुभकामनाऐं दीं। प्रश्न है, कि उन सौ में से दो ने भी सही काम किया ? किन्ही दो व्यक्तियों को भी हमारी शुभकामनाएं हैप्पी रख सके? यदि उत्तर विधेयात्मक होता तो आज तक न जाने कितने लोग तो मात्र शुभकामनाओं से ही हैप्पी हो जाते। देश में अशांति, तनाव, संघर्ष और अपराध की स्थितियां कभी की खत्म हो चुकी होती, पर ऐसा हुआ नहीं। इतनी शुभकामनाओं को ले-देकर भी आदमी अशुभ का जीवन जीता है। अप्रसन्नता का शिकार होता है। तनाव, कुंठा,निराशा, घृणा आदि से घिरा रहता है। ऐसा क्यों? ढेरों शुभकामनाएं हर बार क्यों फेल हो जाती हैं? हमें सोचना है, शुभकामनाऐं सफल कैसे हो? शुभकामना देना कोई बड़ी बात नहीं। यदि दी हुई शुभकामना सफल हो जाए तो निश्चित ही बड़ी बात हो सकती है। शुभकामना के सफल होने का एक बड़ा आधार है- गुणवत्ता।  शुभकामना देने का सच्चा अधिकारी वह है जो स्वयं शुभ है। प्रसन्नता प्रेषित करने का हक उसे है जो स्वयं प्रसन्न है। क्या हम प्रसन्न है? यदि हम प्रसन्न हैं,शुभ का जीवन जीते हैं, तो हमारे द्वारा की गई कामना असरकारक सिध्द होगी। दिखावटी या चुराई हुई शुभकामनाऐं हमें दिखावटी हैप्पी रखने में ही समर्थ हो सकती हैं। आश्चर्य इस बात का है कि आज तक हमारा ध्यान अपनी तरफ गया ही नहीं। हम दूसरों को खुश करने और हैप्पी न्यू ईयर कहने तक सीमित रहे। हमने अपने लिए कभी मंगल कामना नहीं की। अपने आपको कभी हैप्पी न्यू ईयर नहीं कहा। परिणाम यह हुआ कि हैप्पी न्यू ईयर कहकर 365 दिन पुन: उसे कहने की रिहर्सल करने मात्र में बीता देते हैं। फिर नया वर्ष आता है। फिर एक दिन ड्रामा पेश होता है और फिर 365 दिन उसी की रिहर्सल के नाम दांव पर  लग जाते हैं। इस वर्ष एक प्रयोग करें दुसरों को हैप्पी न्यू ईयर कहने की परम्परा को निभाते हुए अपने आपको भी हैप्पी न्यू ईयर कहने की परम्परा डालें।
एक दिन हैप्पी न्यू ईयर कहकर 365 दिन हैप्पी, खुशी से रहने को अधिक महत्व दें। इसके लिए आवश्यक होगा कि  प्रसन्न रहने का दृढ़ संकल्प लिया जाए। ' मेरी प्रसन्नता किसी भी परिस्थिति में खण्डित नहीं होगी।' 'मेरी चित्त समाधि व मानसिक संतुलन पूरे साल बरकरार रहेगा।' ' मैं अपनी प्रसन्नता को कायम रखने का हर संभव प्रयास करता रहूंगा।' हम अपने आपको ग्रीटिंग्स लिखें- 'मेरी प्रसन्नता पूरे वर्ष बरकरार रहे।'
प्रसन्नता का प्रचलित अर्थ है- खुशी, जो निर्मल है, पवित्र है,  खुशियां स्वयं उसके चरण चूमती हैं।
हम अपने लिए एक सुन्दर गिफ्ट भी तैयार करें। ऐसा गिफ्ट जो पूरे वर्ष हमारे संकल्प को मजबूती देता रहे। उस गिफ्ट का आधार हो- सहिष्णुता । उसकी दिवारें हों- अहिंसा। और उसके कलर रंग में हों- दया, मैत्री,  करूणा,  प्रेम,  सौहार्द,  सामंजस्य,  सेवा आदि । फिर चाहे आकार कैसा भी दें, कोई फर्क नहीं पड़ना । उसका परिणाम प्रसन्नता ही होगा । यदि व्यक्ति इस प्रसन्नता को साध ले तो हर वर्ष ' हैप्पी न्यू ईयर ' कहना सार्थक हो जाएं। इस धरा पर स्वर्ग की समृद्धि और मोक्ष का आनंद ही उतर आए। अपेक्षा है अपने आपको प्रसन्न करने की । हर व्यक्ति अपने आपको खुश रखने का संकल्प ले तो परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व तो स्वत: ही खुश हो जाएंगे । याद रहे, इस बार हमें अपने आपसे भी कहना है -  " हैप्पी न्यू ईयर । "
आप सभी सम्मानित परम् आदरणीय बड़े-बुजुर्गों और  भाई-बहनों को नववर्ष की मंगलमय हार्दिक शुभकामनाऐं। यह नववर्ष आपके लिए समृद्धशाली सुखमय हो इन्ही शुभकामनाओं के साथ... ।
 
जय हिंद । जय भारत ।।

    ✍🏻 *सूबेदार रावत गर्ग उण्डू  "राज"*
( सहायक उपानिरीक्षक - रक्षा सेवाऐं भारतीय सेना
और स्वतंत्र लेखक, रचनाकार, साहित्य प्रेमी )

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