कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

खेती में नवाचार अपना चिया सीड्स की फसल लेनें में सफल हुए राजबेरा उण्डू से प्रगतिशील किसान तेजसिंह भाटी

खेती में नवाचार अपना चिया सीड्स की फसल लेनें में सफल हुए राजबेरा उण्डू से प्रगतिशील किसान तेजसिंह भाटी 



किसान अब जागरूक हो गये हैं। खेती में नित-नये नवाचार कर रहे हैं। पारम्परिक खेती छोड़ी नहीं हैं लेकिन केवल उसी के भरोसे भी नहीं हैं। अब किसान उद्यानिकी खेती के साथ-साथ संरक्षित खेती, मिश्रित खेती, जैविक खेती जैसे प्रयोग बेहिचक कर रहे हैं। राज्य सरकार की कृषि विकास एवं कृषक कल्याण योजनाओं का भरपूर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इन योजनाओं में आकर्षक अनुदान का प्रावधान किसानों के लिये आर्थिक सम्बल बन गया हैं।

ऐसा उदाहरण पेश किया है राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले के शिव उपखंड क्षेत्र के उण्डू के निकटवर्ती ग्राम राजबेरा के धीरजी की ढ़ाणी के प्रगतिशील किसान तेजसिंह भाटी खेती में नवाचार की सफल कदम उठाया है। अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष व स्वतंत्र लेखक सूबेदार रावत गर्ग उण्डू को प्रगतिशील किसान तेजसिंह भाटी ने बताया कि उन्होंने अपने कृषि फार्म पर चिया सीड्स की खेती करने मे सफलता हासिल की है। इन्होंने बताया कि चिया सीड्स का पहली बार कृषि नवाचार के रूप में लगाया और सफल रहें। 

राजस्थान में चिया सीड्स का नवाचार 

राज्य में किसानों की आमदनी दोगुना करने के लिए अब चिया सीड का बीज तैयार पर रिसर्च चल रही है। ताकि किसानों को यह बीज उपलब्ध करवाकर उनकी आय को बढ़ाया जा सके। रिसर्च के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। चिया की दस प्रजातियों पर राज्य में अनुसंधान किया जा रहा है। चिया सीड कैंसर और हृदय रोगों के उपचार के लिए लाभदायक है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग बनी हुई है। जोधपुर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में चिया फूड को तैयार करने का काम चल रहा है। आपको बता दें कि चिया फूड एक हजार से 1200 रूपए प्रतिकिलो के भाव से ऑनलाइन बिक रहा है। चिया बीज बहुत ही छोटे आकार के होते हैं। बीज सफेद, भूरे और काले रंग के होते हैं। यह मूल रूप से मैक्सिको की फसल है। चिया बहुत समय तक शरीर को एनर्जी देने के लिए काफी अच्छा एनर्जी स्रोत माना जाता है। यह बहुत सारे प्रोटीन से भरपूर भी है। चिया बीज में प्रोटीन, फाइबर, फैट, ओमेगा-3 जैसे तत्व मौजूद होते है।

सभी जगह पैदावार संभव - 

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इसकी खेती सभी तरह की भूमि में आसानी से की जा सकती है। प्रति हैक्टयर 10-12 क्विटंल की पैदावार मिलती है। बुवाई के लिए प्रति हैक्टयर 4 किलो बीज की जरूरत होती है। आगामी रबी सीजन से सरकार किनवा की तरह प्रदेश में इसकी खेती को प्रोत्साहित करेगी।

चिया में कम लागत अधिक आय -

कम लागत और बेहतर उत्पादन देने वाली यह फसल किसानों की आय दोगुना करने में सहायक साबित होगी। रबी सीजन की इस फसल के दाम बाजार में अधिक हैं। चिया फूड एंटी ऑक्सीडेंट, प्रोटीन,  विभिन्न प्रकार के विटामिन, मिनरल्स के साथ ही पोषकीय और औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

उपचार में लाभदायक प्रगतिशील किसान तेजसिंह भाटी - 
चिया सीड्स कई प्रकार के उपचारों में बहुत लाभदायक सिद्ध हुआ है। बाड़मेर के शिव उपखंड के राजबेरा के धीरजी की ढ़ाणी निवासी प्रगतिशील किसान तेजसिंह भाटी ने सूबेदार रावत गर्ग उण्डू को बताया कि राजस्थान में पहली खेती में नवाचार के रूप में सफलता मिली है। यह कैंसर और हृदय रोगों के उपचार में चिया फायदेमंद है। इसमें ओमेगा-3 पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन की मात्रा भी काफी अधिक होती है। चिया हृदय रोगियों के लिए बहुत ही गुणकारी है। साथ ही इसके सेवन से मोटापा भी कम होता है। इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यह शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है। प्रगतिशील किसान तेजसिंह भाटी को इस श्रेय के लिए बधाई और अन्य किसान भी आपसे प्रेरणा लेकर कृषि नवाचार के रूप मे कदम रखेंगे।


- ✍🏻 सूबेदार रावत गर्ग उण्डू 
( सहायक उपानिरीक्षक - रक्षा सेवाऐं भारतीय सेना
और स्वतंत्र लेखक, रचनाकार, साहित्य प्रेमी )
प्रदेशाध्यक्ष - अखिल भारतीय श्री गर्ग रेडियो श्रोता संघ राजस्थान ।
निवास :- ' श्री हरि विष्णु कृपा भवन '
ग्राम :- श्री गर्गवास राजबेरा, 
तहसील उपखंड :- शिव, 
जिला मुख्यालय :- बाड़मेर, 
पिन कोड :- 344701, राजस्थान ।

No comments:

Post a Comment