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कोरोना की महामारी में ईएमआई उड़ा रहीं नींद corona mahamari me EMI uda rahi nind

कोरोना की महामारी में ईएमआई उड़ा रहीं नींद 

इस समय पूरा विश्व जहाँ कोरोना के कहर से पीड़ित हैं वहीं हमारा देश भी इसके कहर से अछूता नहीं हैं,  मगर सरकार की सतर्कता के चलते इस कोरोना वायरस को भारत में तेजी से आगे बढ़ने से रोकने के साथ ही इसे समाप्त करने के समस्त उपाय किए जा रहें हैं। ऐसे में वह सभी सक्षम लोग कोरोना को रोकने में सहायता के लिए आगे आ रहे हैं ,जिनसे समाज एवं सरकार को आपातकाल मे हमेशा उम्मीद रहती हैं , चाहें वह भगवान का रूप हमारे चिकित्सक हो या फिर सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता हो या देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने,या फिर हमारे देश के नेता, अभिनेता सभी अपने सामर्थ्य के अनुसार देश के साथ खड़े हैं  राज्य सरकारे भी अपना दायित्व पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वाह कर रही हैं ।
ऐसे आपातकाल मे संपूर्ण समाज को खाघ पदार्थों एवं  चिकित्सालय सेवाओं की आवश्यकता होती हैं जो अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं,  इन सब का प्रबंध केन्द्र सरकार , राज्य सरकारे युद्ध स्तर पर कर रही हैं,  इन सभी के साथ साथ आज के आधुनिक दौर में मानव के समक्ष कोरोना के इस आपातकाल में  एक समस्या और खड़ी हैं जो उसकी रातों की नींद उड़ा रहीं हैं वह हैं बैंको से लिए गए उस कर्ज की किस्से जो उसने अपने सपनों का घर बनाने , बहन की शादी करने ,  व्यापार को शुरू करने या किसी परिजन की बिमारी के इलाज के लिए लिया हैं, इन कर्जो की किस्ते कर्ज लेने वाले को तो तय समय पर  बैंको को देनी होती हैं अगर वह नहीं चुकापाता हैं तो बैंक इस पर भारी भरकम जुर्माना वसूलते हैं जो कर्ज लेने वाले की कमर तोड़ने के लिए पर्याप्त हैं, कोरोना जैसे आपात काल में सरकार को चाहिए की वह बैंको के साथ बात करें और इस समस्या का कोई उपाय निकाले क्योकि आज जब पूरा देश घरों के अंदर हैं तो ऐसे में सामान्य सी बात हैं की अधिकांश लोगो की आय या तो खत्म हो गई हैं या तो कम हो गई हैं विकास के इस दौर में जब परिवार के सभी सदस्य कमाते हैं  तब भी इंसान को बहुत सी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंको से कर्ज लेना पड़ता हैं ,अब कोरोना के  इस आपातकाल काल में तो घर के सभी सदस्य घरों में रूके हैं सिर्फ उनको छोड़कर जो जरूरी सेवाओं से जूडें हैं ऐसे में निजी संस्थानों में कार्य करने वालो अथवा छोटे व्यापार  करने वाले लोगों को बैंको से कोरोना के आपातकाल तक तो कर्ज की किस्ते चुकाने के लिए कोई राहत कर्जदारो को मिलनी चाहिए ।
जिससे कोरोना वायरस के कारण आर्थिक तंगी से गुजरने वाले उन लोगो को राहत मिले जो कर्ज की किस्ते चुकाने की चिंता में कोरोना को बोना समझ कर घर से निकल कर बाहर जाने की जुगत में अपनी जान को खतरे में डालने से भी पीछे नहीं हट रहें हैं ।

लेखक:- अरविंद 

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