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लॉकडाउन के बीच पवित्र रमजान महीने का करें दीदार lockdown me gharo me pdhe namaj

लॉकडाउन के बीच पवित्र रमजान महीने का करें दीदार

एडवाइजरी की पालना कर पवित्र रोजा रखें रोजेदार


इस्लाम धर्म में रमजान का पवित्र पाक महीना चांद दिखते ही शुरू हो गया। मुसलमान समुदाय में रमजान महीने का विशेष खास महत्व होता है। रमजान के पूरे महीने (29 या 30 दिन) तक रोजे रखते हैं साथ ही हर दिन 5 बार नमाज अदा दी जाती है। इस्लाम धर्म में नमाज के अलावा रमजान के दिनों में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं। मान्यता है कि रमजान के महीने में ही पवित्र पुस्तक कुरान इस पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। 

लोग अपने गुनाहों की माफी मांगते है :- 


रमजान के पाक महीने में लोग अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग साल भर रमजान का बेसब्री से इंतजार करते हैं,माना जाता है इस महीने अल्लाह अपने बंदों को बेशुमार रहमतों से नवाजता है और जहान्नम के दरवाजे बंद कर के जन्नत के दरवाजे खोल देता है।

कोरोना महामारी को देखते हुए घरों में पढें नमाज :- 


एक दो दिन में शुरू हो रहा रमजान का पाक महीना इस साल कोरोना के कोहराम के बीच पड़ गया है,जिसके लिए मुसलमान समुदाय के लोगों से सरकार के साथ ही धर्म गुरूओं नें भी यह ख़ास अपील की गई है की सभी लोग घर पर ही नमाज पढ़े। रमजान के आखिरी दिन पर ईद मनाई जाएगी। जनाब बरकत खान मेहर सरैया नें सूबेदार रावत गर्ग उण्डू को बताया कि की रमजान के पवित्र महीने छोटे बच्चे भी रोजा रखते है। क्योंकि इस्लाम धर्म में ऐसी मान्यता है की रोजा रखने से अल्लाह की मेहर उन पर बनी रहती है। 


रमजान से जुड़ी कुछ खास बातें :- 


रमजान के पाक महीने में 30 दिन तक रोजा रखा जाता है। मौलाना अली हुसैन मोहम्मद ने स्वतंत्र लेखक सूबेदार रावत गर्ग उण्डू को बताया कि  सूरज निकलने के पहले सबसे पहले सहरी की जाती है। रोजेदार सहरी में खाते-पीते है उसके बाद दिन भर में भूखे प्यासे रहकर  शाम के समय सूरज ढल जाने के बाद रोजा खोला जाता है। उसे इफ्तार कहते हैं। 

रोजेदार की तमाम जायज दुआएं कबूल करते है अल्लाह :- 


कहा जाता है कि इफ्तार के समय रोजेदार दिल से जो दुआ मागंते हैं, अल्लाह उनकी तमाम जायज दुआएं कुुबूल करता है और उन पर अपनी मेहर बरसाता है। ध्यान रहे रोजा रखने वालो को कई बातों का ख़ास ध्यान रखना होता है जैसे की झूट नहीं बोलना, बुरा नहीं सुनना, गलत काम नहीं करना। इसी चलते रोजा रखने वालो को खुदको पूरी तरह से पाक रखना होता है। इसके अलावा रमजान के पवित्र महीने में कुरान पढ़ा जाता है और अल्लाह को याद किया जाता है। बात दें की इस साल आखिरी रोजा सबसे ज्यादा समय 15 घंटे 27 मिनट का होगा। सभी मुस्लिम समुदाय के भाई-बहनों को पवित्र महीने रमजान की हार्दिक मुबारकबाद अल्लाह ताल्ला आपकी दुआएं मनोकामना पूरी करे ऐसी शुभकामनाऐं।

- ✍🏻 सूबेदार रावत गर्ग उण्डू 
( सहायक उपानिरीक्षक - रक्षा सेवाऐं भारतीय सेना
और स्वतंत्र लेखक, रचनाकार, साहित्य प्रेमी )
प्रदेशाध्यक्ष - अखिल भारतीय श्री गर्ग रेडियो श्रोता संघ राजस्थान ।
निवास :- ' श्री हरि विष्णु कृपा भवन '
ग्राम :- श्री गर्गवास राजबेरा, 
तहसील उपखंड :- शिव, 
जिला मुख्यालय :- बाड़मेर, 
पिन कोड :- 344701, राजस्थान ।

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