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लॉकडाउन में दूरदर्शन को मिली संजीवनी, सभी चैनलों को पछाड़ बना नम्बर 1 lockdown me sarvashreshth rashtriy chainal durdashan

लाॅकडाऊन में सर्वश्रेष्ठ बना राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन रामायण के प्रसारण से सभी हो रहे अति प्रसन्न 


"लॉकडाउन में दूरदर्शन को मिली संजीवनी, सभी चैनलों को पछाड़ बना नम्बर 1"


संपूर्ण वैश्विक जगत में व्याप्त कोरोना महामारी से हमारा देश भी अछूता नही रहा । सरकार ने इस महामारी के खतरे को भांपते हुए शुरू से ही कड़े एवं कारगर कदम उठा लिए थे । उनमें से ही एक कदम सोशल डिस्टेन्स के साथ साथ लॉकडाउन अतिमहत्वपूर्ण माना जा रहा है । लॉकडाउन की वजह से अघौषित कर्फ्यू जैसे हालात हो गए । लोग घरों में कैद हो गए । लोगों के पास घरेलू कार्यों, टीवी देखना, एवं मोबाईल पर व्यस्त रहने के अलावा कोई कार्य नही था । तब लोगों ने केंद्र सरकार से दूरदर्शन पर पुराने सीरियल रामायण का पुनः प्रसारण करने की मांग की । इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के प्रयासों से प्रसार भारती द्वारा रामायण का रिटेलिकास्ट करने का फैसला लिया गया ।

रामायण बना पहली पंसद Ramayan bana pahali pasand :- 


लोगो की मांग पर जब रामायण का दोबारा प्रसारण शुरू किया गया तो जिस तरह दूरदर्शन की रेटिंग में आशातीत बढ़ोतरी हुई, इसका अंदाजा तो दूरदर्शन व स्वयं सरकार को भी नही था । दूरदर्शन भारत का सरकारी चैनल है । इसको भारत सरकार द्वारा नामित प्रसार भारती द्वारा चलाया जाता है । दूरदर्शन का प्रारम्भ 1959 में किया गया था, जबकि इसका 1982 में राष्ट्रीय प्रसारण शुरू किया गया । इसका नियमित रूप से प्रतिदिन प्रसारण 1965 में ऑल इंडिया रेडियो के रूप में किया गया । इसके पाँच राष्ट्रीय चैनल है :- डीडी 1, डीडी भारती, डीडी न्यूज, डीडी स्पोर्ट्स, डीडी उर्दू ।  समाचार पत्र में मैंने एक साक्षात्कार पढ़ा था, तो ज्ञात हुआ कि इस प्रसारण को शुरू करवाने के लिये रामानंद सागर के जूते तक घिस गए थे । कई बार इसको ख़ारिज किया गया । रामानंद सागर ने आवश्यक संशोधन करते हुए पुनः पेश किया । एक बार तो रामानंद सागर हताश हो गए थे । लेकिन अंततः 1987 में रामायण का प्रथम बार प्रसारण शुरू किया था ।

सबको पछाड़ नं. एक राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन  :-


प्रसारण के बाद इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि रामायण के समय कर्फ्यू जैसे हालात हो जाते थे । बसें, रेल इत्यादि ठहर सी जाती थी ।  इस लॉकडाउन ने भी उन दिनों की यादें ताजा कर ली है । लॉकडाउन में जहाँ अन्य टीवी चैनल को प्रतिस्पर्धा के कारण हानि हो रही हैं ,वहीं दूरदर्शन का मुनाफा कई गुणा बढ़ गया है । प्रसार भारती ने ट्वीट करके बताया कि दूरदर्शन ने 14 वे हफ्ते में अपने ही पुराने कीर्तिमान को तोड़कर नया इतिहास रच दिया हैं । 13 वें हफ्ते में दूरदर्शन को 1.5 बिलियन व्यूअरशिप मिली थी, वहीँ अब 14 वें हफ्ते में चैनल को 1.9 बिलियन व्यूअरशिप मिली हैं । प्रसार भारती ने जब सरकार के अनुरोध पर इसे री-टेलीकास्ट किया तो तो इसका अनुमान नही था कि ये अपने पुराने सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर देगा । ये तो लॉकडाउन में दूरदर्शन को मिली संजीवनी बूटी की तरह है ।
जब इसके शो का प्रसारण बंद किया गया था, तो उसमें अभिनय करने वाले कलाकार भी गुमनामी भरी जिंदगी जी रहे थे । अब इसके पुनः प्रसारण से अभिनेताओं की लोकप्रियता कई गुणा बढ़ी है । लोग अपने अपने एक्टरों को सोशल मीडिया पर फॉलो कर रहे हैं । वहीँ एक्टर भी अपने प्रशंसकों से खुलकर अनुभव साझा कर रहे है । इसी कड़ी में विशेष रूप से रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी एवं सीता का किरदार अदा करने वाली दीपिका के सोशल मीडिया एकाउन्ट पर फॉलोअर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ हैं ।

आज भी बहुत लोकप्रिय है रामायण aaj bhi bahut lokpriya h Ramayan :- 


 मैं स्वयं भी इनसे अपरिचित था, लेकिन रामायण देखने के बाद मैं भी इन्हें फॉलो करने लगा हूँ । सोशल मीडिया पर दीवानगी इस कदर हावी हैं कि लोग अपने 90 के दशक के अनुभव् साझा करते हुए लिखते है कि  रामायण को देखने के लिये हमारे घरो में टीवी नही थी, तो हम दौड़कर पड़ौसी के घर जाते थे, लेकिन कभी भी शो मिस नही करते थे । जिसके घर में टीवी होती थी, उनके घर में दर्शकों की भीड़ लग जाती थी । क्योंकि उस समय चुनिंदा घरों में टीवी हुआ करती थी । कुछ अन्य लोग टिप्पणियां करते हुए लिखते हैं कि रामायण का क्रेज़ इतना था कि गाँव/ कस्बे की गलियां सूनी हो जाती थी । जिंदगी जैसे ठहर सी गई हो । उस समय घर के ऊपर एंटीना लगा हुआ करता था, यदि कारणवश एंटीना हिल जाता था, तो लोग बैचेन हो जाते थे । उस समय तकनीक इतनी नही थी उसके बावजूद रामानंद सागर एवं समस्त कलाकारों की कठिन मेहनत एवं साझा प्रयासों के कारण रामायण में मानो प्राण फूँक दिए हो । रामायण के कुछ दृश्य ऐसे फिल्माए गए है कि देखने वाला भावुक हुए बिना नही रहता । आँखों में बहती अश्रुधारा को मैंने प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया है । आज का युग तो तकनीकि के क्षेत्र में उन्नत है, किसी भी दृश्य को आसानी से फिल्माया जा सकता है ,लेकिन रामायण को जब देखते है तो उसके सामने आज के नए सीरियल भी बौने नजर आते हैं ।

दर्शकों का पंसदीदा शो रामायण darshako ka pasndida sho Ramayan :- 


रामायण का सकारात्मक असर ऐसा देखने को मिल रहा हैं कि घर में बच्चें राम- लक्ष्मण का अभिनय करते हैं । उनकी तरह धनुष बाण चलाकर लॉकडाउन में मस्ती करते हैं । रामायण का हमारी संस्कृति पर गहरा प्रभाव है । बहुसंख्यक वर्ग की आस्था के साथ साथ सभी धर्मों की अच्छाईयों का सारांश भी इसमें समाहित है । उल्लेखनीय बात यह है कि इसको मुस्लिम धर्म को मानने वाले भी बड़ी उत्सुकता से देखते हैं । वही रामायण के किरदार में भी कई मुस्लिम कलाकार भी है ।  आज जब दर्शकों ने अपने पसंदीदा शो रामायण का अंतिम टेलीकास्ट देखा था तो उनके चेहरे पर उदासी साफ नजर आ रही थी । लेकिन प्रसार भारती ने भी दर्शकों के मनोभावों को भांपते हुए लगे हाथ रविवार रात 9 बजे से ही उत्तररामायण का प्रसारण शुरू कर दिया है । अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या उत्तररामायण रामायण की तरह दर्शकों को मोहित करेगी । ये सब कुछ प्रसार भारती के अगले हफ्ते जारी आंकड़ो पर निर्भर करेगा । हम भी आशा करते है दूरदर्शन का यह फैसला भी उतना ही महत्वपूर्ण एवं असरदार हो जितना रामायण का ।
✍🏻 कैलाश गर्ग रातड़ी
ग्राम - रातड़ी, तहसील क्या उपखंड - शिव,
जिला मुख्यालय - बाड़मेर,  राजस्थान ।

13 comments:

  1. Nice thinking marsaab कैलाश जी

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    1. thankssss ji..
      लेख पर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के लिये शुक्रगुजार हूँ । उम्मीद करता हूँ, आगे भी इसी तरह आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा ।
      कैलाश गर्ग

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  2. लेख पर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के लिये शुक्रगुजार हूँ । उम्मीद करता हूँ, आगे भी इसी तरह आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा ।
    कैलाश गर्ग

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  3. शानदार लेख भाई साहब

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    1. Thanks brother
      लेख पर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के लिये शुक्रगुजार हूँ । उम्मीद करता हूँ, आगे भी इसी तरह आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा ।
      कैलाश गर्ग

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  4. शानदार लेख भाई साहब

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  5. हमारी संस्कृति में रामायण का बहुत महत्व है बच्चे रामायण देखते हैं और उसके अनमोल पहलुओं से रूबरू होते हैं साथ ही दूरदर्शन के दर्शकों में भी अविश्वसनीय वृद्धि हुई है कैलाश जी आपको इस लेख के लिए बहुत बहुत बधाई।

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  6. समीक्षा एवं मार्गदर्शन के लिये हार्दिक आभार 💐💐

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    1. लेख पर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के लिये शुक्रगुजार हूँ । उम्मीद करता हूँ, आगे भी इसी तरह आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा ।
      कैलाश गर्ग

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