कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

सरकारी कर्मचारी-एक योद्घा sarakari karmchari ek yoddha

सरकारी कर्मचारी-एक योद्घा 


पिछले काफी समय से सरकार निजीकरण से काफी प्रभावित नजर आ रही थी। यहां तक कि बड़े बड़े मंत्री और जनता का एक बड़ा वर्ग भी समय समय पर सरकारी कार्मिकों की निष्ठा और कार्यकुशलता पर सवाल खड़े करता रहा है। सरकारी कर्मचारी का जिक्र आते ही लोग इन्हें कामचोर और मुफ्तखोर कहने से भी नहीं चुकते। सरकारी कर्मचारी को दी जाने वाली तनख्वाह और भत्ते लोगों की नजर में अनावश्यक खर्च था। लोगों को यही लग रहा था कि सरकारी कर्मचारी किसी काम के नहीं हैं बस मुफ्त में तनख्वाह खाए जा रहे हैं और जनता पर बोझ बने हुए हैं। तमाम विभाग चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य या परिवहन हो, रेलवे या बैंकिंग हो, एल आई सी या एन टी पी सी हो, या पुलिस हो, लोगों की नजर में ये सब नाकारा ही थे। 

सरकारी कर्मचारी लोगों की नजर में बेचारे से ज्यादा कुछ नहीं था और लोगों का व्यवहार भी उनके प्रति हमेशा ही उपहासजनक ही रहा है। और सरकार भी बहुत उत्सुक थी कि इनका निजीकरण कर दिया जाएं। समय पूर्व सेवानिवृत्ति तक की बातें भी करने से सरकार चुकती नहीं थी। 
बारहा इन सब बातों के दरम्यान एक आफत कोरोना जैसी भयानक महामारी के रूप में लोगों के सामने आ खड़ी हुई और उसी विपदा ने सरकार और लोगों को ये अहसास करवा दिया कि उनकी नजर में महत्वहीन हो चुके सरकारी कर्मचारी कितने महत्वपूर्ण है। विपदा के समय सबसे पहले राहत कोष के लिए दान देने में यही सरकारी कर्मचारियों की बिरादरी सबसे पहले आगे आई है। सबने अपनी तनख्वाह का एक हिस्सा राहतकोष में दिया है तो आधे से अधिक हिस्सा स्थगित भी किया गया है। 

इस संकट की घड़ी में जब पूरा देश लॉकडाउन है।लोग घरों में कैद है कोई बाहर नहीं आना चाहता। जान सबको प्यारी है तो ऐसे में तमाम स्वास्थ्यकर्मी दिन रात लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं।पर्याप्त जरुरी संसाधन नहीं होने के बावजूद सभी डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर,लेब तकनीशियन और अन्य कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर जनता के लिए खड़े हैं। बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं जो कई दिनों से अपने परिवार तक से नहीं मिल सके हैं। परिवार तो सरकारी कार्मिकों का भी है माता पिता, पत्नी, बच्चे सब उनका इंतज़ार कर रहे हैं मगर वो अपने फर्ज की राह पर डटे हुए हैं। 
बैंक खुले हैं अपनी हर मुश्किल को दरकिनार करते हुए बैंकिंग कार्मिक अपनी ड्यूटी पर डटे हुए हैं ताकि लोगों को तकलीफ न हो। बिना सुरक्षा बिना साधन ये अपने फर्ज को निभा रहे हैं। 

पुलिसकर्मी जिनके बारे में तमाम तरह की गलत धारणाएं बना रखी हैं मगर इन सबसे उपर उठ कर आज वे अपनी जान हथेली पर ले कर लोगों की सेवा कर रहे हैं। आए दिन सुन रहे हैं कि पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स पर हमले हो रहे हैं बावजूद इसके वे अपने कर्त्तव्य पथ पर अटल है। हफ्ते में कभी कभार ही घर जा पाते हैं और वहां भी परिवार से दूर से ही बात करके फिर अपनी ड्यूटी पर आ डठते हैं। 

शिक्षक वर्ग जिस पर हमेशा ही लोगों के ताने कुछ अधिक ही मुखरता से उठते हैं वे आज सबसे  बड़े वॉलेंटियर्स के रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके पास अल्प साधन हैं सुरक्षा बेहद ना के बराबर। कोई प्रशिक्षण नहीं इस स्थिति का बावजूद इसके घर घर जा कर सर्वे करने में लगे हुए हैं। बहुत सी स्कूलों में आइसोलेशन बनाए गए हैं कवांरटाइन सेंटर बने हैं जहां पर शिक्षक वर्ग 24 घंटे अपनी ड्युटी पर मुस्तैद खड़े हैं। हर परिस्थिति हर कसौटी पर खरा उतरने वाला सरकारी कर्मचारी आज भी अपनी पूरी निष्ठा के साथ लोगों की सेवा में तैनात हैं। 

रेलवे के बहुत से कोच जो आज अस्पतालों में बदले गए हैं आइसोलेशन में बदले गए हैं वहां ये सरकारी महकमा पूरी शिद्दत से अपनी सेवा दे रहा है। 
ये महामारी का दौर भी गुजर जायेगा और जिंदगी फिर से अपनी उसी रफ्तार और उम्मीद के साथ दौड़ने लगेगी। मगर इस महामारी के दरम्यान दी गई सरकारी महकमों की इस अतुलनीय सेवाओं को लोगों को याद रखना चाहिए। लोगों को और सरकार को सोचना चाहिए कि जिंहे वे नाकारा और कामचोर समझ रहे थे वही सरकारी कर्मचारी इस महामारी के सबसे बड़े योद्घा बनकर उभरे हैं। सरकार को अपने कार्मिकों के प्रति बनाई गई पूर्व की धारणाओं को बदलना होगा। और सोचना होगा कि उनके हर एक कार्य, योजना और आदेश को पूरे अनुशासित और व्यवस्थित रूप से लागू करने के लिए यही सरकारी कर्मचारी सदैव तत्पर रहे हैं और रहेंगे। उम्मीद है लोगों की धारणाएं भी बदलेगी और वो अब सरकारी कर्मचारियों को वो मान सम्मान देंगे जिसके ये हकदार है। 

सरकार को समझना चाहिए कि यही सरकारी महकमें ही आपकी सुचारु सेवाओं के आधार स्तंभ हैं।आने वाले समय में जब हालात सामान्य हो तो इनके लिए मजबूत नीतियाँ बनाई जाए। क्योंकि संकट की हर अंधेरी रात में यही कर्मचारी एक मोमबत्ती की तरह जल कर हर तरफ रौशनी की किरण फैलाएंगे। सभी सरकारी कर्मचारियों को मेरा कोटि कोटि वंदन- अभिनंदन। 

बीएन गर्ग शिक्षक 
जैसलमेर (राज.)

No comments:

Post a Comment