ज़िन्दगी में ऐसी बाधा ,
आई मेरी ज़िन्दगी में ऐसी बाधा ,
बिछुड़ गयी मेरी ज़िन्दगी की पूजा पाठ व राधा ।
अब कैसे होगी मेरी गुज़ारा , हां मेरी गुज़ारा ,
अब कौन मुझको देगा अपना सहारा , हाँ अपना सहारा ।
ऐसा हाल होता इश्क में मैंने जाना ही नहीं ,
अब मैं क्या करूं , वह लड़की मुझे पहचाना ही नहीं ।
जिस पर लुटाये हम इतना प्यार ,
अब वह रखती है किसी और की ख्याल ।
अब मौत की हालात दिखती है , हमें रेल लाइन पर ,
हां लाइन ,
क्या करूं वहां जाने पर भी लगेगी फाइन, हां फाइन ।
मौत होगी मेरी देखेगी ज़हान ,
कब नेहा आयेगी मेरी मौत की वर्षा आंधी , तूफान ।
आ जा मेरी मौत , मैं तुझको पुकारा , हां पुकारा ,
अब मैं तेरे ही साथ करूंगा गुजारा , हां गुज़ारा ।
मेरी होंठों की मुस्कान को वह लड़की उजाला, हां उजाला ,
हाय ! मैं अपनी ज़िन्दगी को क्या कर लिया ,
बेवफ़ाई की दुनिया में अपने को जला लिया ।
मेरी आधी मौत में हो रही है दर्द ,
उस लड़की को कहां रहा , मेरे ऊपर कद्र हां कद्र ।
हाय । यह ज़िन्दगी मेरे साथ क्या हुआ ,
मेरी जोड़ी बिछुड़ने में किसकी लगी दुआ ।
उसके अलावा मैं किससे करूं प्यार ,
इस निकम्मे ज़िन्दगी में रोशन को छोड़ दिया, अपना
दोस्त यार, हां दोस्त यार ।
® रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
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