ग़ज़ल- 212 212 212 212
अरकान- फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
नाम लिक्खा छुरी, जिसने छूरी नहीं
हमसे क़ाबिल हो वो, ये जरूरी नहीं
बन गए क्यों ग़ज़ल, के बहुत से नियम
जानकारी किसी, को थी पूरी नहीं
इतना आसाँ नहीं, सीखना शायरी
लफ़्ज़ कम बात हो, पर अधूरी नहीं
राह अपनी अलग, सोच अपनी अलग
फिर भी अपनी किसी, से है दूरी नहीं
काम शायर का बस, सच है कहना 'निज़ाम'
करना दरबार मे, जी-हुज़ूरी नहीं
निज़ाम-फतेहपुरी
ग्राम व पोस्ट मदोकीपुर
ज़िला फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
6394332921
9198120525
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