महिला काव्य मंच
महिला काव्य मंच (रजि.)उत्तर प्रदेश (मध्य )की लखनऊ इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी का आज दिनांक 29- 10- 2021 को गूगल मीट के माध्यम से आयोजन किया गया।गोष्ठी डॉ रीना श्रीवास्तव जी की अध्यक्षता एवं संयोजन में संपन्न हुई।गोष्ठी में मुख्य अतिथि रहीं डॉ राजेश कुमारी जी (अध्यक्ष महिला काव्य मंच उत्तर प्रदेश इकाई मध्य) तथा विशिष्ट अतिथि रहीं डॉ उषा चौधरी (महासचिव महिला काव्य मंच उत्तर प्रदेश इकाई मध्य)। त्योहारों के उल्लास के बीच आयोजित काव्य गोष्ठी में प्रांतीय अध्यक्ष डॉ राजेश कुमारी ने सभी कवयित्रियों को बधाई दी तथा अपने प्रभावपूर्ण उद्बोधन से सभी का उत्साहवर्धन किया,इस मौके पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कवयित्रियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में नवचेतना एवं जागरूकता का संचार किया है।


अक्टूबर माह की महिला काव्य गोष्ठी में बहुत ही सशक्त तरीके से विभिन्न मुद्दों को मंच से मुखर होने का अवसर मिला,सभी कविताओं ने मंत्र- मुग्ध कर दिया तथा खूब वाहवाही लूटी।सर्वप्रथम विशिष्ट अतिथि डॉ उषा चौधरी ने' मैंने हारा है खुद को मां' सुनाकर माता का आह्वान किया.. कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए क्रमशः डॉ शोभा बाजपेई ने 'साधना हो तो ज्ञान दुर्लभ नहीं ',डॉ अनुराधा पान्डेय ने 'उड़ उड़ कर पतंग बावरी',डॉ सुधा मिश्रा ने 'प्रिय बोलोगे तुम आकर्षक',श्रीमती स्नेहलता'मन जब बूढ़े बरगद सा',डॉ ज्योत्स्ना सिंह ने 'तुम यदि पास रहो मेरे',डॉ रेखा गुप्ता ने अपनी ग़ज़ल' रग- रग में समाया है एहसास मोहब्बत का',डॉ कालिंदी पांडे ने ' उम्र नहीं थकती', डॉ कीर्ति श्रीवास्तव ने 'दीवाली की इस सफाई में' ,अंजू जी ने 'कुछ गमज़दा हैं कुछ दहशतजदा़' कविता के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किये।नीरजा शुक्ला जी ने 'हम लुटते रहे,वो लुटाते रहे'सुना कर शमां बांधा,पूजा कश्यप ने 'पुलकित पुष्प सा हर्ष भरे' व डॉ राजेश कुमारी जी की कविता'रावण की गति देखिए,अंत बचा न कोए',के माध्यम से अहंकार विनाश का कारण है बताने का प्रयास किया।पूनम सिंह ने अपनी कविता प्रिय ...तुम सांस हो, एहसास हो'का पाठ किया।मनीषा श्रीवास्तव ने अपनी गज़ल'इश्क करना उनसे',बीना श्रीवास्तव की 'सौगात ये यादों की',शालिनी त्रिपाठी की 'तुम्हारा स्वागत है माँ'सुगन यादव ने' किसी चेहरे की स्निग्धता में' दिव्यांशी शुक्ला द्वारा'झूठी अवधारणा में बेटी पराई है'और अंत में डॉ रीना श्रीवास्तव जी की' तेरे दिन भी बदलेंगे,बदलेगी तकदीर'के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। विविध रंगों को समेटे हुए आज महिला काव्य मंच लखनऊ की काव्य गोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न हुई, कार्यक्रम का बहुत ही कुशलतापूर्वक एवं प्रभावशाली संचालन करते हुए डॉ रीना श्रीवास्तव ने सभी कवयित्रियों का आभार व्यक्त किया तथा सर्वे भवन्तु सुखिना,सर्वे संतु निरामया के संदेश के साथ कार्यक्रम को विराम दिया।
शुक्रिया प्रकाशक जी
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