किस्मत Kismat
मैं रहा दिवाना उजालों कामेरे पड़े अंधेरों से पाले हैं||
*किस्मत के खेल निराले हैं*
कौन अपना कौन पराया है
आस्तीन में साँप मैंने पाले हैं||
*किस्मत के खेल निराले हैं*
कौन रहमदिल कौन सितमगर
तन उजले पर मन काले हैं||
*किस्मत के खेल निराले हैं*
किस्मत के मारे हैं सभी यहाँ
पर सभी की जुबां पे ताले हैं||
*'साहिब'! किस्मत के खेल निराले हैं*
रचनाकार :- लोकेश कुमार
--------- *साहिब* --
राजस्थान
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