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सौरभ हिंदुस्तानी के मुक्तक हिंदुस्तानी हूँ.. saurabh hindustani ke muktak hindustani hun

    मुक्तक

न जाति पात का मानी हु
न धर्म शास्त्र का ज्ञानी हु
कान खोलकर सुन लो सब
मैं बस सौरभ हिंदुस्तानी हु

भारत हमको अपने प्राणों से भी प्यारा है
प्राण न्योछावर कर देंगे ये अरमान हमारा है
दुश्मन तूने आंख उठाकर देखा भी तो
तेरे टुकड़े टुकड़े कर देंगे ये ऐलान हमारा है
      सौरभ हिंदुस्तानी



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