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दुनिया हिला पर कोरोना मधुबनी को हिला न सका Duniya hila par corona madhubani nhi hila saka

                                दुनिया हिला पर कोरोना मधुबनी को हिला न सका 

दुनिया हिला पर कोरोना मधुबनी को हिला न सका क्या ?चौंकाने वाली बात है ! जो कोरोनावायरस उन्नीस यानी दो हजार उन्नीस (2019 ) में चीन के वृहान शहर में जन्म लेकर बीस आते ही आते विश्व के आर्थिक अवस्था गिरा दिया, जिसे कोविड-19 (COVID-19) से सम्बोधित किया गया,यह वही बीमारी है, जो लोग को जीते जी ही घर - परिवार,समाज से दूर कर देते हैं, यह वही बीमारी है जो एक से दो ,दो से दस, दस से सौ,और इसी तरह फैलते-फैलते पूरी दुनिया में फैल गया,क्या बताऊं एक से एक रचनाकारों ने एक से एक रचना कियें,कोई कविता तो कोई पूजा करने के लिए कोरोना पर चालिसा ही लिख दियें, इस लेखनशैली में हम रोशन भी पीछे नहीं रहा,नया-नया जनेऊ हुआ रहा, थोड़ा बहुत बढ़ा हुआ ज्ञान रहा, और कैसे न लिखते . इस अवस्था में गिरता हुआ विज्ञान रहा,जो इस ख़तरनाक बीमारी के इलाज में असफल रहा,पर भारत हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा से इसे काबू में लाया,पर इससे पहले ही समूचे भारत में माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी लॉकडाउन कर दियें , पर ये कोरोना रूकने वाला कहां ? चौदह मार्च को लॉकडाउन का अन्तिम दिन रहा , पर कोरोना का अंतिम कहां, कोरोना को ध्यान में रखकर लॉकडाउन के दुसरी भाग बनाते हुए तीन मई तक कर दिया गया , और आज तीन मई भी हो गया ! क्या कहूं मैं इस दौरान बंगाल, कोलकाता के हावड़ा में रहा, वहां तो कोरोना ऐसा रूप मचाया व मचाने वाला रहा कि पूछो मत ? इस संकट में राष्ट्रीय कैडेट कोर, भारत स्काउट गाइड, सेंट जॉन एम्बुलेंस व एन.एस.एस जैसे संस्था से सीखें हुए विद्या ने हमें प्रेरित किया कि यह वही समय है ,इसे सहायता में लगाओ, फिर क्या एन.सी.सी के वर्दी 31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी कम्पनी पांचवीं के कैडेट WB17SDA112047 हम रोशन कोलकाता पुलिस व हावड़ा सिटी पुलिस के सहायता में बिना स्वार्थ के लग गये, और क्या अपना बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, महाराष्ट्र,केरल, नेपाल और बाहर के फंसे मजदूर को ,रेलवे स्टेशन फुटपाथ जहां-तहां से रहने की केन्द्र नरसिंहा दत्त कॉलेज में लाते रहे,इतना ही नहीं उन्हें सेंट जांन एम्बूलेंस के गुरुओं से सीखें हुए विद्या से माक्स व सेनिटाइजर लगाकर व सर्तकता से प्राथमिक उपचार करते हुए कोरोनावायरस से लड़ें,असर तो दूर की बात है,अनुभव भी नहीं हुआ कोरोना का,पर कैसे होता कुछ तो नाम का भी तो अस्तित्व होता है हमारा नाम रोशन का अर्थ रोशनी यानि प्रकाश , उजाला
में भी अंधकार हो जाता पर हुआ नहीं शायद मेरा बचपन का नाम गंगाराम अपना चिर परिचित तनु वक्ष स्थल मेहमान द्वारा दिए हुए नाम का भी इस कोरोना से बचाने में योगदान रहा, कैसे न रहता गंगाराम यानि गंगा+राम , गंगा पवित्र नदी और राम आदर्श राजा, आदर्श भाई, आदर्श पति जैसे शब्द से बना हुआ नाम के कारण इस महामारी बीमारी कोरोना में हमें कुछ न हुआ, धन्यवाद पिता परमेश्वर, खुदा, मसीहा को जिन्होंने हमें इस संकट की वक्त में सहायता करने के क़ाबिल बनायें , इस तरह कर्त्तव्य निभाते हुए हम बचें,.. और अपने घर परिवार झोंझी समाज के लोग,केदार,श्रीष्टु, अरूण, राहुल,मुकेश,मिली राजेश ,संजय,बिकन, कल्पना , पूनम,प्रीती, आनंदी,
आनंद,कोमल,बेबी,मोनू,धर्मेंद्र, रानी,रेखा निर्मल,नेहा,सुधा, पूजा,मिली मिलकर प्रचार कर रहे :- 

बाहर जाने पर लगें दण्ड ,
मिलकर  करना है कोरोना को खण्ड !

अब आइए मिथिला के प्रसंग पर,तो बिहार के मिथिला के मधुबनी जिला में कोरोना के प्रभाव देखने को नहीं मिला, इसमें मधुबनी वासीयों, और मधुबनी प्रशासन की भूमिका रहा ही होगा.. साथ में प्रशासन व डीएम दण्डाधिकारी - सह- समाहर्त्ता डीएम सर डॉ. निलेश रामचंद्र देवरेजिला सर ने भी तन-मन-धन से योगदान दिये और दे रहे हैं ! और साथ में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के रामकृष्ण महाविद्यालय के समस्त राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक सत्तर्कता से अपने विचारों,छवि बनाकर लोगों के अंदर कोरोना से लड़ने की भावना जगाये :-

सर्वप्रथम गुरुजी की बात करते हैं,मार्गदर्शन एन.एस.एस कार्यक्रम पदाधिकारी व 34 वीं बिहार बटालियन एन.सी.सी के ए.एन.ओ.  साहब डॉ० राहुल मनहर सर के इस संकट के घड़ी में कोरोना को रोकथाम एंव जागरूकता जैसी कदम
उठाने पर इन्हें  " जिला नोडल पदाधिकारी" बनाया गया,यह जानकारी एलएनएमयू के राष्ट्रीय सेवा योजना के मुख्य पदाधिकारी डॉ विनोद बैठा,व डॉ आनंद प्रकाश गुप्ता जी ने दिये, ये जिम्मेदारी देते ही महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अनिल कुमार मंडल , कार्याक्रम अधिकारी डॉ अशोक कुमार व समस्त शिक्षकों ने शुभकामनाएं दी, गुरु जी दुनिया हिला पर कोरोना मधुबनी को हिला न सका में अहम भूमिका निभाये , हमें गुरु जी पर गर्व है !
अब बात करते हैं रामकृष्ण महाविद्यालय, के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक दलनायक मो० एहतेशामुल हसन जी की ? उन्होंने जबरदस्त तरीकों से क्या ? अपने वीडियो के माध्यम से लोगो को आरोग्य सेतू ऐप्प डाऊनलोड और इस्तेमाल करने के तरीके बताने के साथ साथ दीवारों पर तस्वीरें बनाकर लोगों को जागरूक करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाये,
साथ में आर.के.कॉलेेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व एन.एस.एस के स्वंयसेवक मिंटू यादव जी के जिन्होंने कोरोना वायरस को लेकर विभिन्न वॉट्सएप ग्रुप ऑनलाइन माध्यम से कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट करने और सबको जागरूक कर के लॉक डाउन के नियम पालन करनें के लिए हजारों लोगों को सम्बोधित किये ! इन सम्बोधित के कारण इन्हें (Exclusive world Record Lata foundation Awareness campaign ) एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड लता फाउंडेशन कैंपिंग अवारेनेस ने इन्हें प्रमाण पत्र से सम्मानित किये ! साथ ही एन.एस.एस  स्वयंसेवक होने के नाते अपनी प्रयास, से कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए जागरूकता पेंटिंग  हाथ नहीं मिलना है लेकिन साथ जरूर निभाना है। जैसे चित्र बनाकर देशवासियों से सम्बोधित किये !

एन एस एस लॉगो हसन और सात संयुक्त भरी स्वयंसेवको ने फोटो अभियान के माध्यम से सभी देशवासियों को घर पर रहने की अपील करते हुऐ उस फोटो की शब्दों की क्या नज़ारा थी, शब्द कम इशारे ज्यादे :-
(1) चुनौती है (2) यह कोरोना (3) लेकिन तुम
(4) मत डरो न     (NSS)       (5) कुछ दिन
(6) घर पर रूक कर  (7) कोरोना से
(8) मुक़ाबला करो न

राधा ,विजय,सरीता ,सपना,कनकलता, प्रेमलता,आचल, पंकज, पूजा ,शिव शंकर यानि सबके सब स्वंयसेवक ने अपने कला और ज्ञान से लोगों में कोरोना से लड़ने की जागरूकता लाये, इन सभी स्वंयसेवकों द्वारा किये गये क्रिया-कलाप को कभी भूलाया नहीं जा सकता !

 बिहार के मिथिला के मधुबनी जिला पर कोरोना के प्रभाव देखने को नहीं मिला, इसमें मधुबनी वासीयों, और मधुबनी प्रशासन की भूमिका रहा ही है और होगा.. संग में इस भूमि की इतिहास कुछ इस प्रकार की है :-
पवित्र नारी सीता की भूमि, विद्यापति जैसे महान कवि के गांव, अब सोचने वाली बात यह है कि ये भी तो सीता, आदर्श राजन जनक के ही भूमि है, पर ऐसा इस लिए...  सीता की जन्मभूमि जनकपुर पर अब नेपाल में है, कभी जनकपुर मिथिला के भाग रहे,पर अब न ? पर है वह कैसे तो इस प्रकार सीता की जन्मभूमि "मिथिला" और इसी मिथिला शब्द में छिपा है मधुबनी की रहस्या.., मधुबनी शब्द सीता की राज्य मिथिला के " म "अक्षर से बना हुआ है, और मधुबनी दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है,मधु + बनी ,मधु मतलब मीठा ,बनी मतलब बना हुआ, और सच में मधुबनी दया,प्रेम,आदि जैसी मिठास से बना हुआ है, तो यह सीता की पवित्र भूमि मधुबनी आज भी और कल भी पवित्र ही रहेंगे,यह वही भूमि है जहां शिव खुद उगना वेश में नौकर बनकर विद्यापति जी के सेवा करने आये रहें,तो इस पवित्र भूमि की हाल ये कोरोना दुष्ट क्या कोई भी काल क्या बिगाड़ सकता है ! इस भूमि पर आज भी राजा जनक, सीता, विद्यापति और शिव शंकर के दया प्रेम जिन्दा है !तो इस तरह कोरोना दुनिया को हिलाया पर मधुबनी हिल न सका !

®  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज ,कोलकाता

2 comments:

  1. नाइस थैंक्स भाई

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  2. महामारी के समय एक दूसरे को जागरूक करने के लिए सभी पदाधिकारीयों और एन.एस एस को बहूत बहुत धन्यवाद।

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