विश्व जैव-विविधता दिवस
विश्व जैव-विविधता दिवस प्रतिवर्ष 22 मई को मनाया जाता है। इसे *विश्व जैव-विविधता संरक्षण दिवस* भी कहा जाता हैं। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ ने की थी।हमारे रोज़मर्रा के जीवन में जैव-विविधता का काफी महत्व है। इसलिए जैव-विविधता का संरक्षण बहुत जरूरी है। हमें एक ऐसे जैव विविधता सम्पन्न वातावरण का निर्माण करना है जिसमें आर्थिक गति विधियों के लिए पर्याप्त अवसर प्राप्त हो सकें। जैव-विविधता के कमी होने से बाढ़, सूखा तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं के आने का खतरा बढ़ जाता है।हमारा जीवन प्रकृति का अनुपम उपहार है।अत: पेड़-पौधे, अनेक प्रकार के जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर,पठार, समुद्र-नदियां इन सभी का हमें संरक्षण करना चाहिए।ये सभी हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिए ज़रुरी हैं।
29 दिसंबर 1992 को नैरोबी में हुए जैव-विविधता सम्मेलन में *विश्व जैव-विविधता दिवस* मनाने का निर्णय लिया गया था। कई देशों की व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए इसे 29 मई के स्थान पर 22 मई को मनाने का निर्णय लिया गया। इसमें खासतौर से
-वनों की हिफाज़त,
-संस्कृति,
-कला शिल्प,
-संगीत,
-रहन सहन,
-कपड़ा
-भोजन और
औषधीय पौधों के महत्व को प्रदर्शित करके जैव-विविधता के महत्व और उसके न होने पर होने वाले खतरात के बारेे अभियान चलाकर जनता को मानसिक रूप से जागरूक किया जाता है
अब्दुल हमीद इदरीसी
फेथफुल गंज, कैण्ट,कानपुर-208004
9795772415
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