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ग़ज़ल ghazal Hamid kanpuri

ग़ज़ल


सभी   को     सुनाते    रहेंगे।
नये   गीत      गाते      रहेंगे।

रिवायत      निभाते     रहेंगे।
भला   कह    बुलाते    रहेंगे।

करेंगे     सदा    ही    भलाई,
बुराई         हटाते        रहेंगे।

जुदा जो  ग़लत  फहमियों से,
गले   हम     मिलाते     रहेंगे।

रखेंगे   चमन को  चमन हम,
नये    गुल‌    खिलाते   रहेंगे।

शिकायत अगर है किसी को,
शिकायत     मिटाते     रहेंगे।

शराफत  है  पहचान  अपनी,
शराफत     दिखाते     रहेंगे।

विदाई   तुम्हारी   है   रस्मन,
बुलाते       चलाते      रहेंगे।

बुराई   से नफ़रत   जिन्हें है,
वो  रावण    जलाते    रहेंगे।

हमीद कानपुरी
अब्दुल हमीद इदरीसी
179, मीरपुर कैण्ट कानपुर-208004

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