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मेरी राजनीति सत्ता की नहीं संघर्ष की है meri rajneeti satta ki nhi sngharsh ki h

मेरी राजनीति सत्ता की नहीं संघर्ष की है


मेरी राजनीति सत्ता के लिए नहीं, संघर्ष की है ,
धर्म जात की नहीं ,मेरी चिंता ग़रीब की खाली पर्स की है ।

कैसे ग़रीबी हटाऊं जरुरत कार की नहीं , बाज़ार की है ,
पाँच साल बहुत है , कुछ ग़रीबी अभी कम कर दो,
सवाल इस साल की है ।

बिरयानी की नहीं , भूख दो रोटी की है ,
रहने के लिए एसी (AC)  नहीं, चैन से सोने के लिए
ज़रूरत दो गोटी की है ।

थके है मजदूर काम से , इनकी काम हर दिन की है ,
ज़बरदस्ती काम कैसे न करें मजदूर , चिंता पूंजीपति
की ऋण की है ।

रहने के लिए महल की नहीं , जरुरत झोपड़ी घर की है ,
शराब नहीं ले भाई , प्यास जल की है ।

ग़रीबी हमारे घर की ही नहीं , संसार की हैं ,
सत्ता की सरकार कहती :-
ग़लती हमारी नहीं , बीती हुई कई पाँच साल की है ।

ग़रीबों की मार्ग में रोशन लाना है ,
कैसे कहूं मैं, सरकार के लिए बात की नहीं, 
अब लात की जमाना है ।

 रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत 

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