राधा तेरा हसीं मुख
श्याम तेरा दीवाना
ओठों पर मुस्कान है
हम भी नंदलाला है
कृष्ण बसे बृजधाम
राधा बसीं मम धाम
एक अंक मैं दूजी तू
सांस बस एक है
शीश साजे मोर पंख
मोहिनी मूरत श्याम
पूछती राधा अभी थे
कहाँ गया ये श्याम
रोज फोङता मटकी
माखन बहता जाये
माई छेङे तेरो श्याम
अब सहा न जाये
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