रिपोतार्ज
रिपोर्ताज क्या है?
रिपोर्ताज एक फ्रांसीसी शब्द हैं।
यह लेखन की आधुनिक विधाओं में से एक हैं।
■ विश्व में रिपोर्ताज के जनक-रुसी साहित्यकार इलिया एहरेनवर्ग है
◆ हिन्दी में रिपोर्ताज के जनक शिवदान सिंह चौहान को माना जाता है रुपाभ(पन्त की) पत्रिका मे 1938 में प्रकाशित “लक्ष्मीपुरा” को हिन्दी का प्रथम रिपोर्ताज माना जाता है।
रिपोर्ताज लेखन की परम्परा
भारत मे रिपोर्ताज लेखन की शुरुआत आधुनिक युग मे शिवदान सिंह चौहान के लक्ष्मीपूरा रिपोर्ताज से होती हैं उसके बाद धीरे धीरे इस विद्या में भी लेखन कार्य होने लगा। जो इस प्रकार हैं।- रिपोर्ताज शैली में चंडीप्रसाद सिंह द्वारा लिखित “युवराज की यात्रा(1887) मे प्रिन्स ऑफ़ वेल्स की भारत यात्रा का वर्णन है।
- मौत के खिलाफ जिंदगी की लड़ाई (हंस पत्रिका में)- शिवदान सिंह चौहान।
- .स्वराज भवन,अल्मोड़ा का बाजार और बंगाल का अकाल(घटना प्रधान निबंध रेखाचित्र में संग्रहित)- प्रकाशचंद गुप्त।
- गरीब और अमीर पुस्तकें(1957-58 व्यंगात्मक निबंध)और नववर्षाक समारोह में- रामनारायण उपाध्याय।
- पहाड़ों मे प्रेममय संगीत(कथात्मक रिपोर्ताज,रेखाएं और चित्र में संकलित 1955)- उपेन्द्रनाथ अश्क।
- तूफानों के बीच 1946(बंगाल के अकाल से बारे में विशाल भारत में)- रांघेय राघव।
- देश की मिट्टी बुलाती है- भंदत आन्दन कौश्ल्यायन।
- वे लड़गें हजार साल 1965(भारत और पाक. युध्द)- शिवसागर मिश्र।
- युध्द यात्रा 1972 और ब्रहापुत्र पर सेतुबंध- धर्मवीर भारती।
- क्षण बोले कण मुस्कराए,गुरुकल कांगड़ी और रजत जयंती- कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर।
- ऋणजल धनजल 1975, नेपाली क्रांति कथा 1978, श्रुत-अश्रुत पुर्व 1984, एकलव्य के नोट्स और हड्डियो का बना पुल- फेनीश्वरनाथ रेणु।
- जुलूस रुका है 1977, बाढ़ बाढ़ और पाँच पानी खेत में पचास पानी खलिहान में- विवकी राय।
- प्लॉट का मोर्चा 1955- शमशेर बहादुर सिंह।
- . खून के छींटे और इतिहास के पन्ने पर खून के धब्बे- भगवतशरण उपाध्याय।
- पेरिस के नोट्स, यूरोप के स्कैच और अपराधों की घाटी में उगे ये जीवन फूल- रामकुमार भ्रमर।
- चीनियों द्वारा निर्मित काठमांडू-ल्हासा सड़क- जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी।
- प्राग: एक स्वप्न- निर्मल वर्मा
- क्या हमने कोई षड़यंत्र रचा था- सती कुमार।
- . मुक्ति फौज और अपोलो का रथ- श्री कान्त वर्मा।
- क्रांति करते हुये आदमी को देखना- कमलेश्वर।
- गर्मियों मे पहाड़ पर- राजेन्द्र अवस्थी।
- भीगे मन रीते तन- कृष्णा अग्निहोत्री।
- अरपन बैन मोरगिया रैन-शालीग्राम।
- धरती के लिए- कैलाश नारद।
- लाल धरती- अमृतराय।
- . कागज की किश्तियाँ और नये रंग नये ढंग- लक्ष्मिचंद्र जैन।
- . मैं छोटा नागपुर में हूँ- कामताप्रसाद मिश्र।
- . पैकिंग की डायरी- जगदीश चन्द्र जैन।
- जब प्रभाकर पाताल गये- प्रभाकर माचवे।
- फाइटर की डायरी- मैत्रया पुष्पा।
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