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फाँसी सिर्फ़ सजा हे समस्या का हल नही

फाँसी सिर्फ़ सजा हे  समस्या का हल नही


एन-काउंटर पर मिठाइयां बट्टी फटाके फोड़े फूल बरसे मग़र ये सिर्फ़ आत्मसन्तोष के लिए काफी था किसी का जीवन बर्बाद हो जाए और उसे फाँसी हो जाए या एनकाउंटर तो क्या यही न्याय हे।इंसान के दिमाग की एक ऐसी अवस्था होती हे जिस स्टेज पर वह कुछ भी कर सकता हे उसे आगे पीछे क्या होगा  उसे इस बात का भय नही रहता हे अर्थात बलात्कार जैसा संगीन अपराध हो या आत्महत्या जैसा अवांछनीय कदम या अन्य कोई घोर अपराध इंसान हैवान बनकर इसी अवस्था में करता हे उसे उसके किये की सजा तो मिल जाति हे लेकिन तब तक उस महिला या इंसान का जीवन बर्बाद हो चूका होता हे इसलिए में यह मानता हु की फाँसी सिर्फ सजा हे समस्या का हल नही ।
हमे इस भीषण अपराधो को रोकने के लिए बहुत कुछ सोचने की समझने की और करने की जरूरत हे जिसके लिए में  चन्द्रशेखर राठौर कुछ हल बताने की हिमाकत कर रहा हु। 
भारत में पुरुष हो या महिला सभी को अपने तरीके से जीवन जीने का  खाने पिने का रहन सहन का अभिव्यक्ति का अधिकार हे 

मगर बलात्कार जैसे सघन अपराधो को रोकने के लिए कुछ कदम हमे और आपको भी उठाने पड़ेंगे। 

1. महिलाए जब भी घर से बहार जाए बताकर जाये।
2. समय अनुकूल ना हो तो किसी को साथ लेकर जाए
3. परिवार के मुख्य सदस्य माता भाई या पिता से कुछ भी  न छिपाये ।
4.किसी अंजान पर भरोसा रखने की  भी एक हद रखे

5 घर पर मन पसन्द कपड़े पहने लेकिन जब बहार जाए तब इतना ध्यान रखे की शरीर पूरा ढका हो ये आपकी सुरक्षा के लिए हे कोई प्रतिबन्ध लगाने या आपकी आजादी छीनने वाली जैसी कोई बात नही ।
6. अग़र ऐसी कोई परिस्थिति भी हो तो घर से निकलते समय अपनी आत्म रक्षा के लिए कोई साधरण हथियार जैसे मिर्ची पाउडर या लोहे की कोई राड  रखे।
7. घर से आते या जाते समय समय का जरूर ध्यान रखे
8. हमेशा भीड़भाड़ वाले रस्ते से सफ़र करे और अगर ऐसा न हो तो अकेले न निकले।

हमारी सेफ्टी ही हमारी सुरक्षा हे अगर खुदा न चाहे कुछ गलत हो जाये तो देश की जनता दरिंदो को तो सजा दिल देगी मग़र तब तक देर हो जाएगी । दूसरी बड़ी बात हर परिवार में लड़का हो या लड़की उन्हें  शिक्षा के साथ संस्कार भी दे क्यों की संस्कार के आभाव में व्यक्ति भटक जाता हे और कब उसके मन में हैवानियत चढ़ जाती हे वो भी नही जानता परिणाम स्वरूप या तो वो खुद का जीवन बर्बाद कर बैठता हे या किसी और का उसे परिणाम की चिंता तनिक भी नही रहती  और जब तक की उसको पश्चयताप हो काफी देर हो जाती है
  इसलिए सेफ्टी ही सुरक्षा  समस्या का हल हे बाकि तो सिर्फ सजा या एनकाउंटर हैं
            लेखक चन्द्रशेखर राठौर
                जमुनिया कला
                  जिला नीमच

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