कोरोना सम्बंधित कुछ दोहा
(1)
जीते जी लोग धन अर्जित, और करते लोहा !
मैं रोशन भी ,अप्रैल से मई आते-आते लिखा हूं कुछ दोहा !!
(2)
तीसी भी सुख जाते ,पर खूब सुन्दर लगते खेतों में तीसी फूल,
लघु जीवन है , हमें भी जाना है जैसे कल गुजर गये ऋषि कपूर !!
(3)
आज है विश्व मज़दूर दिवस पर खुश हैं न मज़दूर !
कोरोना चक्कर में जहाँ तहाँ, क्या है बेचारों का क़सूर !!
(4)
लाया हवाई जहाज से यात्रा करने वालों जिसके पास
अपार सोना है ,
क्यों न सुनते बाहर फंसे मज़दूरों की बात क्या अमीरों से ही
सरकार को दोबारा होना है !
(5)
तो हम गरीब भूखे मरेंगे ही , पर सुन लो ये जादू न टोना है,
तुम भी मरोगे सरकार क्योंकि ये कोरोना है !!
(6)
पहुंचेंगा कोरोना जहां-जहां तुम्हारा और बड़ा-बड़ा है कुर्सी ,
राम रहीम,आसाराम जैसे पापी भरा पड़ा, कहां खड़ा है तुलसी !
(7)
जो भी नहीं होना है,वह भी होना है ,
सुधर जा , अभी घर-घर भटकता कोरोना हैं !
(8)
बदलो नीति सरकार , नीतीश, मोदी, ममता योगी ,
समान व्यवहार करते कोरोना , देखते न मनसा मौगी !!
रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
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