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ग़ज़ल

नजरें झुका के चले जाना नया- पुराना लगता है
यह मुस्कुरा कर चले जाना नया- पुराना लगता है

छोड़कर चले जाना है कि बात मत किया करो
यह छोड़कर चले जाना नया- पुराना लगता है

दिल मिलाया है दिल को मिलन तक याद रखना
यह तोड़ कर चले जाना नया- पुराना लगता है

हमसे  शरमाना , मुंह छुपाना , मुंह फेरना
यह मुंह मोड़ कर चले जाना नया पुराना लगता है

        -कवि जय पटेल दीवाना
        - मुंगाणा बांसवाड़ा

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