कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

दिल कही लगता नहीं ....


दिल कही लगता नहीं 

क्यों एकपल भी तुम बिन राहा नहीं जाता।
तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नहीं जाता।
क्यों इतना प्यार दिया तुमने मुझ को।
की तुम बिन अब जिया नहीं जाता।।

तुम्हारी याद आना भी कमाल होता है।
कभी आकर देखना क्या हाल होता है।
सपनो में आकर तुम चले जाते हो।
फिर पूरा दिन बेचैन सा कर देते हो।।

इससे अच्छी तो तन्हाईयाँ होती है।
जो सदा ही हमें तन्हा ही रखती है।
और इस प्यार ब्यार से हमें बचती है।
और हकीकत से रूबारु कराती है।।

इश्क करना कोई आसान बात नहीं।
लैला मजुनू बनकर रहना आसान नहीं।
पागल सा कर देता है इंसान को।
कुछ इसी तरह का रोग होता है ये।।

संजय जैन (मुंबई )  

No comments:

Post a Comment