*पैसे ने भूला दिये रिश्ते*
पैसे की सोच ने इंसान को क्या बना दिया।इंसानी सोच को एक दम भूला दिया।
पैसा उसका माई बाप हो गया।
और खुद के माई बाप पराये हो गये।।
सच तो ये है की रिश्तों का दमन हो रहा।
चारो तरफ पैसे का जय जय कार हो रहा।
जो भी इस चकाचौन्ध की तरफ भाग रहा।
उसका घर संसार अशांत हो रहा।।
कब जीवन के रिश्तों को हम समझेंगे।
चंचल लक्ष्मी को छोड़ अपनो को समझेंगे।
और अपनो से रिश्ता जोड़ेंगे।
क्योकि बुरे वक्त में ये ही काम आएंगे।
और साथ इनको ही खड़ा तुम पाओगे।।
संजय जैन (मुम्बई)
08/06/2019

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