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सुबह का आसमान Subah ka aasman

सुबह की आसमान


सुबह-सुबह
पंक्षी उड़ते है
आसमान की इस छोर से
उस छोर
सूरज की सन्देश को पहुंचाते है
जैसे सुबह की अख़बार
देते जा रहे है .
तोता पंक्षी
फूलों की लाली लेकर
आसमान की कागज पर
बिखेर देती है
सुबह -सुबह
इसलिए तो
चोंच उसकी लाल है
और आसमान में भी
लाली छा जाती है तब।


कवि :- चंद्र मोहन किस्कू 
गाँव-  बेहड़ा
डाकघर -  हल्दाजुड़ी 
वाया-  घाटशिला 
जिला-  पूर्वी सिंहभूम 
झारखण्ड 

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