राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अंहिसा के पुजारी
भारत देश के नौजवान थे दुश्मन पर भारी तेज आंधी ।
हमारे प्रेरणादायी अहिंसा के पुजारी महात्मा जी गांधी ।।
देवभूमि भारत के उद्धार हेतु गांधी का अवतार हुआ ।
भारत जननी स्वर्ण भूमि में तब नया रक्त संचार हुआ ।।
उन्होंने सत्य अहिंसा निर्भयता की, बचपन में शिक्षा पाई ।
मानव सेवा सर्वशेष्ठ धर्म अपना , माता ने यही सिखाई ।।
इंग्लैंड गये शिक्षा लेने, आज़ाद मुल्क की हवा मिली ।
आज़ादी है अनमोल रत्न, जौहरी हृदय को भनक लगी ।।
भाषण लिखने पढ़ने की, गोरे केवल अधिकारी थे ।
पेशा चुनने धन रखने की, केवल वे ही अधिकारी थे ।।
काले हिन्दुस्तानी कुत्ते, दोनों ही एक बराबर थे ।
होटल गिरजा में जाने से, भारतवासी वर्जित थे ।।
गोरे काले का भेद देखकर, गाँधी का दिल भर आया ।
आज़ादी है एकमात्र लक्ष्य, दिल में यह बात उभर आया ।।
अंग्रेज़ो भारत छोड़ो आंदोलन नमक सत्याग्रह चलाया ।
सब वीर मिल कर स्वतंत्रता के लिए मिलकर हाथ बढ़ाया ।।
मिली बड़े हमे गर्व से आजादी बिना खड़ग और ढाल से ।
रावत! हमें आजादी मिली अंहिसा के पुजारी की चाल से ।।
✍🏻 सूबेदार रावत गर्ग उण्डू 'राज'
श्री गर्गवास राजबेरा, तहसील उपखंड - शिव,
जिला मुख्यालय - बाड़मेर, राजस्थान
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