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कांख में छोरो और गाँव में ढिंढोरो

कांख में छोरो और गाँव में ढिंढोरो "

आप जब किसी काम को करते हैं और उस के औजारों की जानकारी न हो तो यही होता है।

कभी ऐसा भी होता है कि आप की तैयारी पूरी है, लेकिन आप घर भर में कुछ ढूंढ रहे हैं, परेशान हो रहे हैं। मां पूछती है -क्या ढूंढ रहे हो बेटा ? आप कहते हैं- कुछ नहीं मां मेरी घड़ी नहीं मिल रही है। छोटी बहिन कहती है भया आपने घड़ी पहन तो रखी है ।

 एक किस्सा याद हा रहा है मुझे की  "  में एक छोटे से कस्बे में रहता था , मेरे घर के पास ही में एक परिवार रहता था , वह परिवार उस कस्बे में सबसे धनी परिवार था , जिसमें चार सदस्य थे। उस परिवार के मुखिया को सारे लोग पटेल जी के नाम से पुकारते थे। पटेल जी सुबह जल्दी ही ना - धोकर  भगवान की पूजा करते थे,। उनके दो बेटे थे । जिसमें से एक का विवाह , पास ही के एक गांव में कर दिया। , बड़ी धूम धाम से विवाह किया । उसमे सभी लोग एकत्रित हुए , सब माहौल टिक था ।दूल्हा - दुल्हन घर आ गए थे, । सभी लोग खुशियो से भरपूर थे। मगर किसी को मालूम नहीं था , कि ये दुल्हन है जो किसी और से प्रेम करती है ,।  उस दिन दूल्हा- दुल्हन की स्वागरात थी। उसी दिन को दुल्हन ने फोन करके उसके प्रेमी को , उसके ससुराल में बुला लिया , दुल्हन ने दूल्हे से कहा कि में हेडपंप पर  पानी भरने जा रही हूं । वैसे गांवो में नल तो आते ही नहीं है । दुल्हन की साज़िश और थी , दूल्हे को तो मालूम नहीं था , की मेरे साथ क्या होने जा रहा है , दुल्हन मटकी लेकर पानी के नल पर गई , और उसी समय उसने , उसके प्रेमी को फोन करने वहां बुला लिया , उस समय लगभग  शाम के 7 बजे हुए थे , दुल्हन मटकी को नल पर ही रख कर उसके प्रेमी के साथ भाग गई । इधर , दूल्हा परेशान होकर नल पर दुल्हन को देखने आया तो वहां तो उसे कोई नहीं दिखाई दिया ,  वहां तो सिर्फ़ मटकी पड़ी थी वो भी फूटी - फाटी । तोड़ी देर बाद हंगामा छा गया गांव में , की पटेल जी की बहू भाग गई - भाग गई ।

ये घटना , बिल्कुल सत्य है , ना कि काल्पनिक ।

इस आलेख का शीर्षक एक हाड़ौती कहावत है जो दूसरी हिन्दी बोलियों में भी जरूर होगी। जिस का अर्थ है कि एक महिला अपने बच्चे को ढूंढ रही है -अरे किसी ने देखा क्या मेरे लाल को ? बहुत देर बाद कोई उसे बताता है कि उस की बगल में जो बच्चा लिए वह घूम रही है, उसे ही ढूंढ रही है, या दूसरे को ?वह महिला उस की शुक्रगुजार है कि उस ने उसे बताया कि जिसे वह ढूंढ रही है वह उसी की काँख में था। इसे ही कहते है ।कांख में छोरो और गाँव में ढिंढोरो

Op Merotha hadoti kavi
छबड़ा जिला बारां (राज०)

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