त्रिलोचन का जीवन परिचय
कवी त्रिलोचन का मूल नाम वासुदेव सिंह है और इनके पिता का नाम जगरदेव सिंह था। त्रिलोचन का जन्म 20 अगस्त 1917 को जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। कवि त्रिलोचन ने कशी विश्वविद्यालय से एम.ए. अंग्रेजी एवं लाहौर से संस्कृत में शास्त्री की उपाधि प्राप्त की थी। कवि त्रिलोचन को हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील काव्यधारा का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाता है।
वे आधुनिक हिंदी कविता के प्रगतिशील तीन स्तंभों में से एक हैं। प्रगतिशील काव्य त्रयी में नागार्जुन, शमशेर और वासुदेव सिंह त्रिलोचन शामिल हैं। त्रिलोचन को हिंदी सॉनेट साधक माना जाता है। 9 दिसम्बर 2007 को ग़ाजियाबाद में उनका निधन हो गया ।
त्रिलोचन का काव्य संग्रह Trilochan ka kavysangrah
धरती (1945),
गुलाब और बुलबुल (1956),
दिगंत (1957),
ताप के ताए हुए (1980),
शब्द (1980),
उस जनपद का कवी हूँ (1981)
आरधान (1984),
कहानी संग्रह- देशकाल आदि।
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