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ऋषि कपूर का जाना rishi kapur ka nidhan (mrityu)

ऋषि कपूर का जाना


साल 2020 ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद तकलीफ़देह गुजरा है। मगर बॉलीवुड के लिए कुछ ज्यादा ही तकलीफ़देह साबित हुआ है ये साल। कल ही फिल्मी दुनिया ने अपना एक बेहतरीन और संजीदा  अदाकार खोया था इरफान खान के रूप में। और आज दिन की शुरुआत भी एक सदमे भरी खबर से ही हुई है। बॉलीवुड ने एक और बेहतरीन अदाकार और इंसान खो दिया। ऋषि कपूर का जाना अदाकारी के एक युग का समाप्त हो जाना है। ऋषि के निधन पर बिग बी लिखते हैं "आज मैं टूट गया।" निश्चित ही कला की दुनिया और उनके चाहने वालों के लिए ये एक सदमे से कम नहीं। 1952 को पैदा हुए ऋषि का बचपन पिता राज कपूर और दादा पृथ्वीराज कपूर की अदाकारी के जलवे देखते हुए बिता। श्री420 और मेरा नाम जोकर में बतौर बाल कलाकर काम करने वाले ऋषि की पहली फिल्म डिंपल के साथ 1973 में आई। बॉबी फिल्म ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी मिला। 47 साल फिल्मों में अपना जलवा बिखेरने वाले इस शानदार अदाकार ने 1980 में नीतू सिंह से शादी कर ली। 
कर्ज, प्रेमरोग, चांदनी, हिना, दीवाना, प्रेमग्रंथ जैसी बेशुमार हिट फिल्में देने वाले ऋषि ने 'आ अब लौट चले' का निर्देशन भी किया। एक कामयाब अभिनेता के साथ साथ ऋषि एक बेहतरीन इंसान भी थे। ऋषि हमेशा ही अपनी स्पष्टवादी सोच के लिए विवादों में भी रहे। उनका बयान काफी चर्चा में रहा जब उन्होंने कहा था "मैं बीफ खाता हूं और भोजन को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।" बारहा एक अभिनेता के रूप में ऋषि हमेशा अग्रणी पंक्ति के रूप में याद किए जाएंगे। ऋषि के पुत्र रणबीर कपूर भी इस समय फिल्मी दुनिया के कामयाब कलाकारों में शुमार है। 
2018 में मुल्क फिल्म में किया गया उनका अभिनय भी सराहा जाएगा। फिल्मी दुनिया के आसमान पर ऋषि हमेशा एक नक्षत्र बनकर झिलमिलाते रहेंगे। 
अलविदा ऋषि कपूर।

बीएन गर्ग जैसलमेर
राजस्थान

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