मातृ_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
माँ से बड़ के न मसीहा कोई देखा अपना
अपने बच्चों की ख़ुशी उसका है सपना अपना
****************************** **
पोछने को नही आता यहाँ कोई आँसू
कौन है माँ के सिवाए हमें कहता अपना
****************************** *
देखता तक नही बेटा वो जो साहब हो कर
माँ ने औलाद पे घर - बार लुटाया अपना
****************************** **
ये घरौंदा जो बसाया पसीने से उसने
परवरिश में माँ ने सब कुछ तो लुटाया अपना
****************************** ****
बोल दो प्यार से तुम भी यूँ कभी बोले हो
माँ के जैसा न मिलेगा यहाँ सच्चा अपना
****************************** ***
माँ भी तकलीफों को सह लेती है हँस हँस कर के
दर्द में माँ के अलावा नही दूजा अपना
****************************** ***
रखकर फ़ाक़ा जिसने दी है उड़ान ये 'आकिब'
हूँ माँ के आगे मैं भी सर यूँ झुकाता अपना
****************************** **
✒️आकिब जावेद
स्वरचित/मौलिक
बाँदा,उत्तर प्रदेश
No comments:
Post a Comment