आम आदमी
*हम सब चाहते है सियासत में आम आदमी हो,* मुल्क की तमाम रियासत में आम आदम हो।
*हर तरफ आप-ही-आप का चर्चा हो,*
मुसीबतों में नहीं घिरा आम आदमी हो।
*तरक्की, बुलंदी, शोहरत के हर मुकाम पर,*
गगन को चूमे ऐसा हर आम आदमी हो।
*आम आदमी का रुतबा इतना बुलंद हो,
* गली-गली मुहल्ले मुहल्ले चर्चे में आम आदमी हो।
*खबरों के सच्चे, चैनल सच्चे अख़बारों में,
* शाहरुख़ हर जगह छाया आम आदमी हो।
शाहरुख मोईन*
No comments:
Post a Comment