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Ek sahasas एक अहसास

एक अहसास

तुम एक अहसास
तुम्हारी सुगंध , महक सभी मैंने
महसूस किया मैंने तुम्हारे चुम्बन में
तुम घोलती हो एक संगीत
तुम्हारे चुम्बन में मैं देखती हूँ
एक ईश्वरीय प्रेम
मैं सहसा जग उठती हूँ
एक बिजली छू कर जाती है
झंकृत कर देती मेरे जीवन की तार
अनवरत मेरे जीवन में हर पल में
मुझे लगता है मैं भीग जाती हूँ
लगता मैं एक समुद्र में समा गई हूं
नहा लेती हूँ मैं एक चाँदनी रात की
अखंड आद्रता से चांदनी को छू कर

रजत सान्याल
बिहार

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