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शब्द shabd

शब्द


क्या तुम सुन सकती  हो मेरे शब्द
यह शब्द जो एक धारा से बहती है
एक युग से, शताब्दी से
कभी कभी सुनाई नहीं देती है यह शब्द
जब तुम समुद्र के पास होती तब
लहरों में कहीँ खो जाती है शब्द
बिखरे हुए होते है एक टुकड़े की तरह
एक घंटी बजती रहती है
जैसे अपने ही नशे में होते है
तुम छु लेती हो आपने मुलायम हाथों से
तुमारा हाथ एक नरम फल की तरह है
मैं दूर से देखता हूँ अपने शब्दों को
तुम्हें अधिक प्यार है इन शब्दों से
रजत सान्याल
बिहार

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