कोरॉनो वायरस पर कविता हाड़ौती में
कोरोनो वायरस रे थारो डर घणो भारी रेचाइना से आयो रे तू दुनिया में घणो छारियो च
थारो नाव लेता ही रे जणो - ज़णो डर जावे च
चोका - चोका डॉक्टरा के भी पसीनों छूट आवे च
घणी कर च सेफ्टी ये तो मुंडा के ढाटो बांधे च
फेर भी यो कोरोनो वायरस हवा सू चल जावे च
चाइना की जनता ने तो यो मांस घणो खायो रे
सुल्डो भी न छोड़यो रे, जिंदा ने ही खाग्या चो
घणी बुरी करी तानेह बीमारी फेलादी दी रे
चमकादड़ को सुत मज़ा - मज़ा से जो पिल्यो रे
सांप भी नि छोड्यो तानेह , बस्टिया में मुंडो देलियो रे
बना काम के कोरोनो की बीमारी मोल ले ली च
इलाज भी तो कोयनह इंकोह , मनक घणा ये मरिया च
चाइना तन्ह घणो समझावा , केणो माकोह मान ले
बना काम ने दुनिया में यो कोरोनो मत फेलावे
इलाज बतावा कोरोनों को , भगवा ने अपनाले रे
कोरोनो वायरस रे थारो डर घणो भारी रे
चाइना से आयो रे तू दुनिया में घणो छारियो च
Op Merotha hadoti kavi
छबड़ा जिला बारां ( राज० )
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