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कोरोना महामारी से बचाव के लिए 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ korona mahamari se bachaw ke lie mahaygy

भारत की एकता अखंडता पर्यावरण व कोरोना महामारी से बचाव के लिए 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ श्री गर्गाचार्य आश्रम जोधपुर में शुरू शुक्रवार को होगें 12 लाख मंत्र जाप पूर्ण, 21 मार्च को पूर्णाहुति 


जोधपुर शहर के शास्त्रीनगर स्थित श्री जगद्गुरु भगवान गर्गाचार्य जी आश्रम में भारत की एकता अखंडता, प्राकृतिक आपदाओं, पर्यावरण और कोरोना वायरस जैसी भंयकर महामारी के संरक्षण के लिए 108 कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ का आयोजन 21 मार्च को किया जाएगा, जिसकी तैयारियां पुर-जोर से चल रही हैं। अखिल भारतीय श्री गर्ग रेडियो श्रोता संघ राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष व स्वतंत्र लेखक सूबेदार रावत गर्ग उण्डू के अनुसार देश के 108 तीर्थ स्थानों की मिट्टी, दिव्य जल से यज्ञशाला के कुण्डो का निर्माण हो चुका है। इस एक सौ आठ कुंडिय श्री विष्णु महायज्ञ में अब तक छह लाख मंत्र जाप पूर्ण हो चुके हैं। शुक्रवार को बारह लाख मंत्र जाप पूर्ण होगें। 21 मार्च को पूर्णाहुति होगी जिसमें देश भर से हजारों श्रध्दालु भक्तगण भाग लेंगे। श्री गर्गाचार्य आश्रम स्थित महायज्ञशाला के शिखर पर सप्तरंगी ध्वजारोहण के साथ यज्ञ 15 मार्च से शुरू हो गया है। किया जाएगा।

विश्व में कोरोना महामारी की वजह षठ ग्रही महायोग का दुष्प्रभाव है, यज्ञ से होगा नियंत्रण : राजमहर्षि पं. मोहनलाल गर्ग :- 


विश्व में कोरोना वायरस जैसी महामारी की वजह षठ ग्रही महायोग का दुष्प्रभाव है, यज्ञ से होगा नियंत्रण : राजमहर्षि  पं. मोहनलाल गर्ग के प्रधान आचार्यत्व में होने वाले 108 कुंडीय विष्णु महायज्ञ के लिए अब तक 6 लाख जाप, शुक्रवार तक 12 लाख पूरे होंगे। जोधपुर शहर के  शास्त्री नगर स्थित महर्षि श्री गर्गाचार्य आश्रम में चल रहे 108 कुंडीय विष्णु महायज्ञ में मंगलवार तक 16 ब्राह्मणों ने विष्णु महामंत्र के छह लाख जप पूर्ण किए। इस मौके पर राजमहर्षि पंडित मोहनलाल गर्ग ने कहा कि विश्व में महामारी की वजह षठ ग्रही महायोग का दुष्प्रभाव है। यज्ञ कर इस पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भागवत पापों से मुक्ति देने वाला अलौकिक अमृत फल है। महामारी को समूल नष्ट करने के लिए वेद कल्पोल विद्वान के साथ भागवत कथा सुनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रलय के समय ब्रह्माजी ने भागवत शब्द का प्रयोग किया था। फिर सृष्टि का संचालन आरंभ हुआ।

‘ओम नमो: भगवते वासुदेवाय’ के जप जारी :- 

 उपाचार्य पंडित रमेश पूजा द्विवेदी ने बताया कि विषयों के प्राचीन वेदांग फल में वर्णित सर्वरोग नाशक दिव्य मंत्रों का प्रयोग किया जा रहा है। नमका चमका से रुद्राष्टाध्यायी, संपुटित दुर्गा सप्तशती, सर्व-रोगहारी रामायण पारायण, सुंदरकांड, श्री विष्णु दिव्य कवच, गीता, उपनिषद व रुद्र स्नान का पाठ चल रहा है। इसके साथ ही प्रतिदिन ओम नमो: भगवते वासुदेवाय मूल मंत्र का दो लाख जप ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा है। शुक्रवार तक 12 लाख जप का पूर्ण होंगे। ज्योतिषी के संहिता ग्रंथों में वर्णित ज्योति प्रवर्तक 18 ऋषि द्वारा बताई विधि के अनुसार षठग्रही महायोग के कुप्रभाव को नष्ट करने के लिए हिमालय से सोमलता सहित 64 औषधियों का महासंकल्प 108 भारतीय नस्ल की गायों का देशी दूध से सवा लाख आहूति, चंदन, केसर, अगर, चमेली, चंपा, मोगरा आदि अश्वगंधों के साथ दशांश आहुतियां दी जाएंगी। इस महायज्ञ में हवनवेदी बनाने के लिए देश के विभिन्न तीर्थस्थानों से मिट्टी व पवित्र जल मंगवाया गया है। स्वतंत्र लेखक सूबेदार रावत गर्ग उण्डू के मुताबिक इस महायज्ञ में देश भर के विभिन्न हिस्सों से श्रध्दालु भक्तगण भाग लेंगे और भारत की एकता अखंडता, पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही कोरोना वायरस जैसी भंयकर बीमारी से निपटने के लिए कामना की जाएगी।

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