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पता रहल न तू कोरोना ऐसन करबूं

पता रहल न तू  कोरोना ऐसन करबूं !

कब तक हम रोई ,
पता रहल न कि ऐसन दिन कबहूं होई ,
कि सबके सब आराम से सोई !
और बाहर निकली न कोई !

कोई घरवा गांव में,तो कोई बारन टॉउन में ,
सब के सब फंसल  भारन इअ लॉकडाउन में !
बाहर जईबअ लगी पुलिस के डण्टा ,खइबअ मार,
ओईजअ होई लाल !

कहां से आई ईअ कोरोना... तंग बारन सरकार ,
जनेऊ के बाद हमर, और कोरोना सअ बिगड़ल बा
संसार के हाल !
तअ का बताई लोउवा लोगेन के  हम रोशन कुमार !
कहां जईबअ बंद पड़ ड़बा पूरा बाजार !

दिन रात मेहनत कैइलअ और हमहूं कैनी ,
कहां काम आईल पैसबा जे मेहनत से कमैनी ,
आज बढ़ले जा ता बेचैनी ,
काहें कि दुकान बंद पड़ ड़बा कहां से लाई खैनी !

रे चीन तोहरा के मारव झाड़ू ,
तू तअ वृहान के लड़कवा कोरोना बड़ा कसाई बारू !
तू हटबअ हटी लॉकडाउन और ट्रेन होई चालू ,
दया करअ ऐ कोरोना....
इंतजार करत बारअ हमर बबूआ लोगेन और मेहरारू !

                                             
          रोशन कुमार झा    
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता 

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