कोरोना की मार
आश्चर्य है ,
मुझे सभी के मौन होने पर
शोक है मुझे एक नही बल्कि कई सारे लोगो को निरन्तर मरने की चाह में उमड़ती भीड़ को देखकर,
निशब्द हूँ मैं
प्रतिदिन होने वाली बदलती आकड़ो की स्तरचर्या को देखकर
क्या आप सभी सोच रहे है
अपने लिए आने वाले भविष्य की गम्भीर पुकार को
बिना किसी ख़ौफ़ के ,भयंकर बीमारी के पैर पसारने की तैयारी को देखकर .....
दोस्तो अब डरें
कुछ न कुछ पढ़ते रहे -
घर पर सुरक्षित रहे !
एक वर्ष यू भी.
नैना गर्ग
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