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bhor manoram drishy भोर-मनोरम दृश्य कवि चेतन मीना

भोर-मनोरम दृश्य 


सुबह जब आंख खुली
तो एक चिड़ियां खिड़की
पर चहक रहीं,

देखो बगिया में आज फूलों
की पराग है महक रही।

आया था मधुकर लेने मधु
पर जा बैठा एक करील पर,

अहसास हुआ चुभन का
जैसे बैठा है एक कील पर।

देख हाल भंवरे का कलिया
भी मुस्काने लगी,

कोयल भी कूक कूक
मल्हार गीत कोई गाने लगी।

सलिल सरिता की कलकल
ने हृदय वीणा बजाई है,

देख नृत्य मोर का प्रकृति भी
मुस्काई है।

देख नवरंग इनके भोर के
मन मेरा प्रफुल्लित हो गया,

माया सा ये सवेरा "चेतन"
चेतना खो गया।
#करील- एक कंटीला पौधा

नाम- चेतन मीना
पता- घाटा नैनवाडी, बौंली,स.मा.(राज)
पिन- 322030
फोन- 9875131374

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