शीर्षक-भगवान बुद्ध
विधा-मुक्त
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सारे सुख सम्पदा त्यागते,
सत्य पर चलकर खुद को जानने की ठानते।
जीवन सत्य को जिसने जाना है,
वही भगवान बुद्ध कहलाना है।
जो मन, वचन और कर्म से शुद्ध है,
हकीकत में बस वही इक बुद्ध है।
लालच,घृणा,काम,क्रोध सब त्यागे तब भए शुद्ध,
सत्य,सनातन,धर्म,समपर्ण पर चल चल बन गए बुद्ध।
क्योंकि आज ही बुद्ध जन्म है पाते
इसलिए बुद्ध पूर्णिमा हम पर्व मनाते।
रचनाकार-अतुल पाठक " धैर्य "
पता-जनपद हाथरस(उत्तर प्रदेश)
मौलिक/स्वरचित रचना
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