।रचना शीर्षक।।
हमारे बुजुर्ग (दुआओं की सौगात है)
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
क्षमा दुआ अनुभव और आस,
है बुजुर्गों के पास।
बहुत ही जिम्मेदारी अहसास,
है बुजुर्गों के पास।।
छोटे बड़ों का ध्यान और करें,
घर की रखवाली भी।
संस्कृति, संस्कारों का वास है,
बुजुर्गों के पास।।
2
बहुत दुनिया देखी बड़ों ने,
उनसे ज्ञान लीजिये।
उन्होंने किया लालन पालन,
उन पर ध्यान दीजिए।।
उनके मान सम्मानआशीर्वाद से,
संवरताआपका भी भाग्य।
आ जाता कुछ चाल में अंतर,
नही अपमान कीजिये।।
3
हर किसी के लिए खूब जज़्बात,
हैं बुजुर्गों के पास।
अनुभवों की इक लंबी बारात,
हैं बुजुर्गों के पास।।
दिल है दिमाग है हर बात है,
पास बुजुर्गों के।
दुआओं ही दुआओं की सौगात,
है बुजुर्गों के पास।।
4
पैसे की तो बहुत कदर है,
बुजुर्गों के पास।
बहुत ही ज्यादा पारखी नज़र है,
बुजुर्गों के पास।।
रखते तजुर्बा हर मौसम बरसात,
का बुजुर्ग हमारे।
एक पूरी जिन्दगी का सफर है,
बुजुर्गों के पास।।
*रचयिता :- एस के कपूर "श्री हंस"
बरेली Up
मोब 9897071046
8218685464
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