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हौंसले बुलंद हो तो... Hosle buland ho

हौंसले बुलंद हो तो

हौंसले दिल में यदि,
बुलंद हो तो,
बंजर पड़ी भूमि को,
आबाद कर सकते हैं।
मेहनत-लगन से तुम,
इसको सींचकर देखो,
खुशियों के कमल,
स्वयं ही खिल जायेंगे॥

दिल को दिल से,
मिलाना सीखो,
रिश्तों को प्यार से,
निभाना सीखो।
क्या रखा है,
आपसी बैर-भाव में,
उसे दिल से,
अपनाकर देखो॥

दिल में इरादे यदि,
नेक हो तो,
इंसानों से प्यार,
करके देखो।
मिला है तुमको,
मानव जन्म,
तो इसे भाईचारे से,
जीकर देखो॥

मानव जन्म का राज,
समझ जाओगे,
और अपनो को सदा,
अपने पास ही पाओगे।
मूल मंत्र है ये जीवन का,
इसको तुम अपना लो,
और अपने घरों को,
स्वयं ही तुम स्वर्ग बना लो॥

संजय जैन
(मुम्बई)

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