मानव जन्म
सोचो जरा करो मन में विचार,
मानव जन्म नहीं हर बार।
क्यों तू आया है इस संसार में,
क्या तूने पाया है इस संसार में।।
कर ले प्रभु कि भक्ति,
पा ले जन्म मरन से मुक्ति।
मोह माया के चक्कर में,
तूने सारी लगा दी शक्ति।
भूल गया, तू प्रभु को,
जन्म गवार हुआ इस संसार में।।
सोचो जरा करो मन में विचार,
मानव जन्म नहीं हर बार,
क्यों तू आया है इस संसार में,
क्या तूने पाया है इस संसार में।1।
दौलत खूब कमाई ,
पर की न किसी की भलाई।
सब यही रहा जाये,
संग तेरे न कौड़ी जाए।
मस्त रहा, व्यस्त रहा,
अपने परिवार में इस संसार में।2।
सोचो जरा करो मन में विचार,
मानव जन्म नहीं हर बार,
क्यों तू आया है इस संसार में,
क्या तूने पाया है इस संसार में।।
संजय जैन (मुंबई )

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