दोस्त*
चेहरा भूल जाओगे,तो शिकायत नहीं करेंगे।
नाम भूल जाओगे,
तो गिला नहीं करेंगे।
और मेरे दोस्त,
दोस्ती कि कसम है तुझे।
जो दोस्ती भूल जाओगे,
तो कभी माफ़ नहीं करेंगे।।
ख़ुशी से दिल,
आबाद करना मेरे दोस्त।
और गम को,
दिल से आज़ाद करना।
हमारी बस इतनी,
गुजारिश है मेरे दोस्त।
कि दिल से एक बार,
याद हमें जरूर ही करना।।
जिन्दगी सुन्दर है पर,
मुझे जीना नहीँ आता।
हर चींज मैँ नशा है पर,
मुझे पीना नहीँ आता।
सब जी सकते हैँ,
मेरे बिना दोस्त।
पर मुझे ही किसी के,
बिना जीना नहीँ आता।।
आज भीगी है मेरी,
पलके तेरी याद में।
आकाश भी सिमट गया है, अपने आप में।
ओस की बूंदे ऐसे,
बिखरी है पत्तो पर।
मनो चाँद भी रोया है,
मेरे दोस्त कि याद में।।
हो नहीं सकता मुझे,
आपकी याद न आये।
भूल के भी वो,
एहसास न आये।
आप भूले तो,
आप पे आच न आये मेरे दोस्त।
में भुला तो खुदा करे मुझे,
अगली सांस ही न आये।।
छोटी सी बात पर,
कोई शिकवा न करना।
कोई भूल हो जाए,
तो माफ़ करना।
नाराज़ जब होना,
हम दोस्ती तोड़ देंगे।
क्योकि ऐसा तब होगा,
जब हम दुनिया छोड़ देंगे।।
संजय जैन (मुम्बई )
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