शीतलता चाहिए
मेरे भी दिल मे अभी,उम्मीदे बहुत बाकी है।
बस आप सभी का साथ चाहिए।
और देश के पर्यावरण को बचाने के लिए ।
एक जिंदादिल साथी चाहिए।
जो हर मोड़ पर साथ दे,
मुझे तेरा जैसा साथी चाहिये।।
तप्ती हुई इस धूप में,
शीतल सी छाया चाहिए।
जो हाल गर्मी से हो रहा है ।
उसे शीतल करने एक ठंडी लहर चाहिए ।।
बिना वृक्षो के कारण ही,
यह हाल है गर्मी का।
उससे बचने के लिए,
वृक्षारोपन हमे कारण चाहिए।
तभी इन गर्म हवाओं को,
शीतल हम कर पाएंगे।
और अपने देश का,
पर्यवरण को बचा पाएंगे।
इस लक्ष्य को पाने के
लिए,
और देश के पर्यवरण को
बचाने के लिए,
आप सभी का भरपूर साथ चाहिए।।
संजय जैन ( मुम्बई)
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