"भावांजलि"
सो रहा संसार हे माँ शारदे! उसको जगा दो।हो रहा है घोर तिमिर माँ शारदे! उसको भगा दो।
हम न हों विचलित डगर से
प्रार्थना सुन लो हमारी।
मुक्त कर दो भय - भँवर से
अर्चना सुन लो हमारी।।
मन व्यथित जब हो हमारा
वेदना सुन लो हमारी।
जब भी हों हम बे - सहारा
संवेदना सुन लो हमारी।।
हम फँसे मझधार में माँ शारदे! हमको निकालो।
हम भले बेकार हों माँ शारदे! हमको निभालो।।
सो रहा संसार हे माँ...
हम अरुण - किरणों के साक्षी
तुमको माँ सब कुछ समर्पित।
नित्य दर्शन कर तुम्हारे
होता है हृदय भी हर्षित।।
माँ तुम्हारी शंख-ध्वनि से
कर रहे हम ध्यान अर्जित।
हम शरण में हैं तुम्हारी
और जीवन प्राण अर्पित।।
सत्य आँखों से ओझल माँ शारदे! हमको दिखा दो।
कैसे चलना सत्य पथ माँ शारदे! हमको सिखा दो।।
सो रहा संसार हे माँ...
भाव भू भव भावनामयी
दे रहे भावांजलि माँ।
गीत गीता ज्ञान गौरव
दे रहे गीतांजलि माँ।।
पूज्य प्यारे पुष्प पुलकित
दे रहे पुष्पांजलि माँ।
भाव श्रद्धा माँ सरस्वती
दे रहे श्रद्धांजलि माँ।।
हो अगर मुखरित वाणी माँ शारदे! उसको सजा दो।
स्वर की देवी वाद्य वीणा माँ शारदे!उसको बजा दो।।
@डाॅ.यशोयश
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