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दिल का हाल किसे बतलाये*


*दिल का हाल किसे बतलाये*

किस किसको बतलाये
हाल ये दिल का।
कहते हुए भी शर्माए हाल ये दिल का।
जिससे हमें हुआ है प्यार,
कैसे बतलाये उनको।
कही सुनकर वो मेरी बात
रूठ न जाये ।।

वैसे भी इस दिल मे गमो का भंडार पड़ा है।
इसमें से कुछ को कम किया जाए इजहार करके।
या फिर मोहब्बत शब्द की परिभाषा को बदला जाए।
नही तो मोहब्बत करना ही बंद कर दिया जाए।।

जब मिल जाते है दिल से दिल।
तभी प्यार का उदय होता है।
दोनों के दिलो में कुछ कुछ होता है।
और फिर नई जिंदगी की शुरूबात होता है।।
और एक बार फिर नया इतिहास लिखा जाता है।।

संजय जैन (मुम्बई)
11/06/2019

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