कोई गा ले.......
*तबसे तन मन पागल है।*
*तेरी याद बहुत सताती,*
*टूटा दिल भी घायल है।*
*सावन भी हँसके कहता,*
*तुझसे अच्छी पायल है।*
*मैं बिरह में तड़प रहा हूं,*
*धड़कन तेरी कायल है।*
*आंखे ऐसे बरसे हरदम,*
*जैसे फट गये बादल है।*
*आजा मेरे पास तू हमदम,*
*साधक इकदम पागल है।*
स्वरचित
*प्रमोद वर्मा साधक*
रमपुरवा रिसिया बहराइच
.......गज़ल
*जबसे छूटा आंचल है।**तबसे तन मन पागल है।*
*तेरी याद बहुत सताती,*
*टूटा दिल भी घायल है।*
*सावन भी हँसके कहता,*
*तुझसे अच्छी पायल है।*
*मैं बिरह में तड़प रहा हूं,*
*धड़कन तेरी कायल है।*
*आंखे ऐसे बरसे हरदम,*
*जैसे फट गये बादल है।*
*आजा मेरे पास तू हमदम,*
*साधक इकदम पागल है।*
स्वरचित
*प्रमोद वर्मा साधक*
रमपुरवा रिसिया बहराइच

No comments:
Post a Comment