कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

जब से छूटा आँचल ग़ज़ल

कोई गा ले.......

              .......गज़ल

*जबसे  छूटा  आंचल  है।*
*तबसे तन मन पागल है।*

*तेरी याद बहुत सताती,*
*टूटा दिल भी घायल है।*

*सावन भी हँसके कहता,*
*तुझसे अच्छी पायल है।*

*मैं बिरह में तड़प रहा हूं,*
*धड़कन तेरी  कायल है।*

*आंखे ऐसे बरसे हरदम,*
*जैसे फट गये बादल है।*

*आजा मेरे पास तू हमदम,*
*साधक इकदम पागल है।*

स्वरचित
*प्रमोद वर्मा साधक*
रमपुरवा रिसिया बहराइच

No comments:

Post a Comment