कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

अवसरवादी लोगों की कमी नहीं

बढ़ते मौका परस्त लोग , घटती साख 


 पौराणिक काल में इंसान  प्रत्येक कार्य  को विश्वास के साथ श्री गणेश करता था l विश्वास की डोर उसे लम्बे समय तक सही राह पर चलना सीखाती थी l इन्सान घरेलु कार्य, व्यापार, खेती, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीति और पारिवारिक संबध कार्यो को विश्वास पर संपन्न करता था l पौराणिक काल में कई सामुदायिक संगठनो, राजा, महाराजाओं के दरबार में विभिन्न धर्मो के लोग शामिल होते थे l फिर भी समय पर किसी कार्य को निरंतर गति प्रदान करते हैं l किसी प्रकार का मौका देखकर बदले की भावना नहीं रखते थे l पौराणिक काल में ऎसे कई युद्धों का वर्णन सुनने को मिलता है l जिसमे सभी तरह के लोगों का साथ लेकर युद्ध को जीत लिया जाता था l कई यौद्धा अपने निष्पक्ष कार्य के कारण वीर गति को प्राप्त हुए l पौराणिक काल में बुजुर्गों के द्वारा किए गए कार्य निष्पक्ष और निश्चित होते थे l किसी भी बात पर विचलित नहीं होते थे l किसी परिवार या समूह के बड़े बुजुर्ग के द्वारा एक बार में जो निर्णय लेने के बाद उसे परिवार या समूह के शेष सदस्य बिना किसी विरोध के पक्ष में होते थे l तथा बुजुर्गों के द्वारा लिया गया निर्णय हजारों वर्षों तक अडिंग रहता था l उसको किसी भी विषम परिस्थिति विचलित नहीं कर सकती थी l दूसरी ओर आधुनिक परिस्थितियां एकदम विपरीत नजर आ रही है l वर्तमान में इंसान अवसरवादी हो गया है l अवसर देख कर अपने रंग को गिरगिट की तरह बदल देते हैं l वर्तमान स्थिति में इंसान यह नहीं सोचता है कि मेरी पिछली पृष्ठ भूमि क्या थी l में किन परिस्थितियों से गुजर चुका हूं l में आज जिस स्तर पर पहुंचा हूँ, किसकी बदौलत यह मुकाम हासिल किया है l यानी अनगिनत प्रश्नों की बौछार खड़ी हो जाती है l पर यह अनगिनत प्रश्नों की बौछारें एक पल में ढह जाती है l 1-  पारिवारिक संबध - आधुनिक युग में युवा पीढ़ी ने पारिवारिक रिश्तों को एक विकट मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है l परिवार में कोई बुजुर्ग लोग किसी पारिवारिक रिश्ते की शुरुआत करके आ जाते हैं, कुछ समय बाद आधुनिक युवा पीढ़ी उस पारिवारिक रिश्ते को मौका देख कर तोड़ देती है l आधुनिक युवा पीढ़ी किसी धन की लालचा,  किसी के बहकावे में आकर पारिवारिक रिश्तों को शुरू होने से पहले ही समाप्त कर देते हैं l आधुनिक पीढ़ी यह नहीं सोचती है कि मेरे परिवार का जमीर कितना पीछे खिचक जाएंगा l मेरे द्वारा किए गए कार्यों से मेरा परिवार क्या किसी को मुह दिखा पायेंगा l वर्तमान स्थिति में देखा जाए तो रंग - बिरंगी दुनिया में मौकापरस्त लोगो की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है l जिसके कारण संयुक्त परिवार से अब एकल परिवारो की तादात बढ़ती जा रही है l जो भविष्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है l     2-  धार्मिक परिवर्तन - पौराणिक काल में इस धरा पर सभी धर्मों का अपना महत्व था l प्रत्येक धर्म के लोग आपसी सहयोग, शांति एवं एक परिवार की दृष्टि से जीवन को नई ऊंचाइयों को छू लेते हैं l परन्तु जैसे - जैसे समय ने अपनी करवट ली तो मौकापरस्त लोगो की तादात में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है l लोगों में एक दूसरे धर्म के प्रति हीन भावना से देखा जा रहा है l वर्तमान में लोग एक धर्म से दूसरे धर्म के प्रति विरोध की भावना को उगलता जा रहा है l जबर्दस्ती लोगो को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है l वर्तमान में कई ऎसे उच्च कोटि के लोग हैं जो धर्म को विकट स्थिति में लाकर रख दिया है l समय रहते जागरूक होना होगा अन्यथा मौकापरस्त लोगों की बढ़ती संख्या के कारण कई धर्म अपने अस्तित्व खोने के कगार पर खड़े है l                                             3-  राजनीतिक दल परिवर्तन -  आधुनिक युग में सता के सुख के लिए इंसान समय - समय बदलता दिखाई दे रहा है l वर्तमान में किसी भी राजनीतिक दलों में निष्पक्ष और अटल नेता को ढूढना मुश्किल है l वर्तमान में जिस दल को सत्ता प्राप्त होती है l तो दूसरे दल के मौकापरस्त नेता बिना क्षण गंवाए दूसरे में शामिल हो जाते हैं l वे यह नहीं सोचते हैं कि मेरे पीछे मुझे चाहने वाले समर्थकॊ का क्या हाल होगा l जो मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है l जैसे - जैसे सत्ता परिवर्तन होता है l मौकापरस्त नेता सत्ताधारी दल में शामिल हो जाते हैं l उनके पीछे समर्थक दूसरे दल को मुह दिखाने तक नहीं रह जाते हैं l वर्तमान की राजनीति में देखा जाए तो राजनेता तो कम और सत्ता सुख प्राप्त करने वालों की कतार लग जाती है l वर्तमान में मौकापरस्त लोग चंद रुपये में बिक कर दल परिवर्तन कर देते हैं l मौकापरस्त बढ़ते राजनेता की संख्या के कारण राजनीति दलो का भविष्य अपने अस्तित्व के खोने के कगार पर पहुंच गया है l धीरे - धीरे राजनीति में वास्तविक राजनेता की संख्या घटती जा रही है l मौकापरस्त राजनेता के कारण लोगो का राजनीति से दूरियां गहरी होती जा रही है l वर्तमान में अगर किसी देश को सुरक्षित हाथों में सौपना है तो मौकापरस्त नेता को दूर करना होगा l तभी किसी देश का भविष्य उज्ज्वल होगा l वर्तमान में बढ़ती अवसरवादी लोगों की संख्या एक चिंता का विषय है l समय रहते इनसे निपटने की जरूरत है l अवसरवादीयो को सबक सिखाने से भविष्य की राह आसान होगी l                                                                                             ✍🏻कुमार जितेन्द्र (कवि, लेखक, विश्लेषक, वरिष्ठ अध्यापक - गणित) साईं निवास मोकलसर, तहसील - सिवाना, जिला -  बाड़मेर ( राजस्थान)

No comments:

Post a Comment