हाड़ौती गीत " बेटों पे अभिमान न करना
मात - पिता ने पाला पोषा
अब उनको सम्मान नहीं
बेटों पे अभिमान ना करना
हर बेटा तो राम नहीं ।
जिस माता ने गर्भ धरा है
नो माह तक कष्ट सहे
हर दुख झेला पाला - पोषा
बेटा उनको गलत कहे
बेईमानी मम्मी पर धरना
मां के दुख की शाम नहीं -2
बेटों पे अभिमान.........
भाग्यवान होते हैं वो
जिनकी बेटी श्रवण कुमार बने
बड़े हराम होते हैं वो
जिनके लाल हैवान बनें
बेटों से अपमान सहेंगे
जिन बापो पर दाम नहीं ।
बेटों पे अभिमान........
अब तो हर संबंध धरा है
रुपयों के बुनियादो पर
कौन - बाप है कैसी माता
रिश्ते बिके छ: धामों पर
बे - मतलब रिश्तो को ढोना
अब इंसानी काम नहीं -2
बेटों पे अभिमान......
भूल गए कर्तव्यों को सब
बिन मतलब कोई काम नहीं
यह है कलयुग की औलादे
नागों से पुखार रहे
सहले दर्द जख्म को पी ले
निर्भय तू बलराम नहीं ।
बेटों पे अभिमान.....
खूब पढ़ाया खूब लिखाया
अच्छा कारोबार दिया
हंसी खुशी संबंध कराया
सारा जीवन वार दिया
लात मार बे - घर कर डाला
अब उनका कुछ काम नहीं -2
बेटों पे अभिमान ना करना
हर बेटा तो राम नहीं ।
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