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एक गुज़ारिश

एक गुज़ारिश

अपने दिल में हमेशा बसा कर रखना,
अपनी बाहों में मुझे छुपा कर रखना।

संवरना चाहती हूं आजकल तेरी खातिर,
आईना अपनी निगाहों को बनाकर रखना।

बहक न जाऊं कहीं तुम्हारे करीब आकर,
इश्क की तहजीब को तुम बचा कर रखना।

मेरी गुस्ताखियों को नजरअंदाज करके,
अपनी दुआओं में मुझे मांग कर रखना।

टूट जाऊंगी अगर तुमसे जुदा हो गई,
अपने सीने से हमेशा मुझे लगा कर रखना।

प्रेषक:कल्पना सिंह
पता:आदर्श नगर, बरा ,रीवा (मध्य प्रदेश)

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